वैश्विक बाजारों के लिए युवाओं को कुशल बनाने की जरूरत: अरुण जेटली
देश की अतिरिक्त आबादी का सर्वश्रेष्ठ आर्थिक संसाधनों की तरह उपयोग करने की जरूरत है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को युवाओं को कुशल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक बाजारों को भी सेवाएं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, हमारी आबादी की एक खास बात यह है कि हमारे यहां बड़ी संख्या में युवा लोग हैं। ऐसे में हमारे पास काम के लिए अधिक हाथ हैं। दूसरी खूबी यह है कि जहां ज्यादातर विकसित देशों में आबादी या तो स्थिर हो रही है या नीचे जा रही है। भारत के साथ ऐसा नहीं है।
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यहां राष्ट्रीय उद्यमशीलता पुरस्कार-2017 में वित्त मंत्री ने कहा कि आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के पास कई बार अपनी अपनी अर्थव्यवस्था की सेवाओं के लिए लोग नहीं होते हैं। लेकिन भारत जैसी अर्थव्यवस्था के साथ ऐसा नहीं है। हमारी पास काफी बड़ी कामकाजी आबादी है।
उन्होंने कहा कि देश की अतिरिक्त आबादी का सर्वश्रेष्ठ आर्थिक संसाधनों की तरह उपयोग करने की जरूरत है। यह समय के साथ किया जा सकता है लेकिन इसके लिए युवाओं को कुशल बनाने की जरूरत है।
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इस कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बैंकों ने मुद्रा योजना के तहत चार लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया है, जिससे 9 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इनमें से तीन करोड़ लोग नए लाभार्थी हैं।
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