आंध्र प्रदेश को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा, केंद्र सरकार स्पेशल पैकेज देने को तैयार: अरुण जेटली
जेटली ने कहा कि मुझे 14वें वित्त आयोग की संवैधानिक व्यवस्थाओं का पालन करना होगा।

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर सत्तारूढ़ राजग से नाराज घटक दल तेदेपा को शांत करने के लिए आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आगे आए और कहा कि केंद्र सरकार राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों के समान वित्तीय मदद देने को प्रतिबद्ध है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति से धन की मात्रा नहीं बढ़ सकती है।
राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी तेदेपा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रही है और इस मुद्दे को लेकर उसने केंद्रकी राजग सरकार से हटने की धमकी दी है। जेटली ने कहा कि चार साल पहले राज्य के विभाजन के समय जो भी वायदे किए गए थे उनकी सरकार उन सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के वादे को पूरा करने की मांग की है।
राज्य का दर्जा दिया जाना संवैधानिक रूप से संभव नहीं है
इस पर जेटली ने कहा कि 2014 में राज्य विभाजन के समय इस प्रकार की श्रेणी जरूर थी लेकिन 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के बाद इस तरह के दर्ज को संवैधानिक रूप से केवल पूर्वोत्तर व तीन पहाड़ी राज्यों तक सीमित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त उल्लेखित राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना संवैधानिक रूप से संभव नहीं है।
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हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को भी उतना ही धन उपलब्ध करवाएगी जितना विशेष दर्ज वाले राज्य को मिलता है। गौरतलब है कि विशेष श्रेणी वाले राज्यों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए जरूरी धन का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार देती है। वहीं सामान्य श्रेणी के राज्यों में केंद्र का हिस्सा केवल 60 प्रतिशत होता है। बाकी का धन राज्य सरकारें वहन करती हैं।
राजनीतिक मुद्दों से धन में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती
जेटली ने कहा कि आंध्र प्रदेश के लिए केंद्र विभिन्न बाहरी एजेंसियों जैसे दूसरे माध्यमों से योजना कोष का 90 प्रतिशत हिस्सा देने को प्रतिबद्ध है जो कि विशेष राज्य के दर्जे वाले राज्य को प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस तरह के धन को नाबार्ड के जरिए लगवाने के राज्य सरकार के सुझाव को स्वीकार करने पर विचार करना चाहती है।
राजग से हटने की तेदेपा की धमकी के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि राजनीतिक मुद्दों से धन में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती क्योंकि केंद्र के पास अनाप-शनाप धन उपलब्ध नहीं है। जेटली के अनुसार पिछले महीने की बैठक में केंद्र ने एक विशेष उद्देश्यी कोष एसपीवी बनाने का सुझाव दिया था जहां नाबार्ड धन दे सके ताकि उस राज्य का राजकोषीय घाटा प्रभावित नहीं हो।
राहुल गांधी ने किया विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस तरह से सहायता दिए जाने के तौर तरीकों पर अभी अपनी राय नहीं बतायी है। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय आंध्र प्रदेश को जिन संस्थानों का वादा किया गया था उनकी स्थापना का काम चल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया है।
इस बारे में जेटली ने कहा कि मुझे 14वें वित्त आयोग की संवैधानिक व्यवस्थाओं का पालन करना होगा। उन्होंने कहा किविशेष दर्जे वाले राज्य के समकक्ष आंध प्रदेश को जो धन मिल सकता था वह हम उसे देने को प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार के राजस्व घाटे को पूरा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र उसे4,000 करोड़ रुपये दे चुका है और बकाया केवल 138 करोड़ रुपये का है।
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