जल, थल और वायु सेना ने की हमले की तैयारी
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये ''ज्वाइंट डॉक्टरिन'' 80 पन्नों का है और इसको औपचारिक तौर पर अगले हफ्ते रिलीज किया जाएगा।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 23 April 2017 10:55 AM GMT Last Updated On: 23 April 2017 10:55 AM GMT
किसी संघर्ष की स्थिति से ज्यादा प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए भारतीय सैन्य बलों ने एक साझा नीति या 'जॉइंट डॉक्टरिन' बनाया है। इसके तहत, आर्मी, नेवी और एयर फोर्स मिलकर काम करेंगे। इसका मकसद आने वाले वक्त में किसी पारंपरिक सैन्य हमले से लेकर हर किस्म की जंग के लिए खुद को बेहतर ढंग से तैयार करना है।
भविष्य में किसी पारंपरिक सैन्य हमले से लेकर हर किस्म की जंग के लिए खुद को अच्छे और मजबूत तरीके से तैयार करने के लिए भारतीय सैन्य वलों ने साझा नीति 'ज्वाइंट डॉक्टरिन' बनाया है। इस संधि के तहत जल, थल और वायु सेना मिलकर काम करेंगी।
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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये 'ज्वाइंट डॉक्टरिन' 80 पन्नों का है इसको औपचारिक तौर पर अगले हफ्ते रिलीज किया जाएगा। इस डॉक्टरिन से सैन्य क्षमलाएं बढ़ेंगी, साथ ही संसाधनों का बेहतर उपयोग किए जाने की वजह से ज्यादा मारक सैन्य जवाब दिया जाएगा।
इसमें थल, वायु, जल और साइबर स्पेस में जंग लड़ने की एकीकृत मशीनरी बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया है। इस साल जनवरी में देहरादून में हुए कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर चर्चा भी हुई थी जिसमें पीएम मोदी भी शामिल थे।
अगले हफ्ते रिलीज होने वाले इस दस्तावेज को Joint Doctrine of the Indian Armed Forces - 2017 नाम दिया गया है। इस दस्तावेज को इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने तैयार किया है।
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