चार साल बाद अलेप्पो शहर पर सरकार का नियंत्रणः सीरियाई सेना
साल 2011 से शुरू हुए गृह युद्ध में यह अब तक सबसे बड़ी जीत है।

X
haribhoomi.comCreated On: 23 Dec 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. सीरिया के अलेप्पो शहर पर आर्मी का पूर्ण नियंत्रण हो गया है। साल 2011 से शुरू हुए गृह युद्ध में यह अब तक सबसे बड़ी जीत है। शहर को विद्रोहियों से पूरी तरह खाली कराए जाने के बाद सीरियाई सेना की ओर से यह घोषणा की गई। इसके साथ ही पिछले एक महीने से पूर्वी अलेप्पो में चल रहे खूनी संघर्ष का अंत हो गया है।
इससे पहले रेड क्रॉस ने बाकी बचे चार हज़ार से ज्यादा विद्रोहियों को खदेड़ने की बात कही थी। इस एक महीने में पूर्वी अलेप्पो को जो नुकसान हुआ, वह सीरिया में विद्रोही आंदोलन के चलते बीते छह सालों की तबाही में सबसे भयानक रहा। इसमें तीन लाख दस हज़ार से ज़्यादा लोगों की जानें गईं। इस घोषणा के साथ सीरियाई सरकार का पांच प्रमुख शहरों, अलेप्पो, होम्स, हमा, दमिश्क और लताकिया पर नियंत्रण हो गया है।
राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके सहयोगियों के लिए यह बड़ी जीत है, जबकि उनके विरोध का समर्थन करनेवाले सऊदी अरब, कतर और कुछ पश्चिमी देशों के लिए यह हार की तरह है। इस खूनी संघर्ष को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तनाव का माहौल पैदा हो गया था। खासतौर पर रूस और अमेरिका के बीच।
राष्ट्रपति असद के हवाले से स्टेट न्यूज़ एजेन्सी सना (SANA) ने कहा, 'अलेप्पो की आज़ादी सीरिया की ही नहीं बल्कि उन सबकी जीत है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपना योगदान दिया, विशेषकर रूस और ईरान।'
बर्फबारी और ठंडे मौसम की वजह से शहर को खाली कराने में दिक्कत आ रही है। विस्थापितों को बसों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के प्रवक्ता ने बताया, 'शहर खाली कराने के अंतिम चरण में बुधवार और गुरुवार की रातभर में चार हजार से ज़्यादा लड़ाके निजी कारों, वैनों में पूर्वी अलेप्पो से खदेड़ दिए गए।' उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान करीब 34 हज़ार लोग अलेप्पो के हिंसा प्रभावित इलाकों से बाहर निकाले गए।
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक महीना चले जबर्दस्त संघर्ष के बाद साल 2012 से अलेप्पो पर कब्जा जमाए बैठी विद्रोही सेना आखिरकार हटने को राजी हो गई। इस लड़ाई में 90 प्रतिशत अलेप्पो उनके हाथ से चला गया। हालांकि अलेप्पो के विद्रोह प्रभावित क्षेत्र के खाली होने से बड़ा मानवीय व शरणार्थी संकट खड़ा हो गया है। साथ ही असद को बड़ा रणनीतिक फायदा मिला है। वहीं विद्रोहियों के निकल जाने से लड़ाई खत्म करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को बल मिला है।
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्ट पर-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story