नीरव मोदी को अपीलीय न्यायाधिकरण ने दिया झटका, संपत्तियों को बेचने से रोका
धन शोधन के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करोड़ो रुपये का घोटाला कर देश से भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी और अन्य को शुक्रवार को निर्देश दिये कि वे अपनी 21 अचल संपत्तियों पर यथास्थिति बरकरार रखें और इन संपत्तियों को नहीं बेचे।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 6 Oct 2018 5:19 AM GMT Last Updated On: 6 Oct 2018 5:19 AM GMT
धन शोधन के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करोड़ो रुपये का घोटाला कर देश से भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी और अन्य को शुक्रवार को निर्देश दिये कि वे अपनी 21 अचल संपत्तियों पर यथास्थिति बरकरार रखें और इन संपत्तियों को नहीं बेचे।
धन शोधन निवारण अधिनियम पर अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह ने कहा कि नीरव मोदी ‘‘भरोसेमंद नहीं है' क्योंकि वह देश से भाग गया था और जनता के धन की वसूली का बैंकों का अधिकार सुरक्षित होना चाहिए।
पीएनबी और यूबीआई कंसोर्टियम को राहत प्रदान करते हुए न्यायमूर्ति सिंह ने कहा,‘‘ जहां तक अपीलकर्ता पंजाब नेशनल बैंक द्वारा वर्तमान में अंतरिम आदेश की मांग की गई है, मेरा मानना है कि नीरव मोदी, एमी नीरव मोदी और अन्य जो 21 संपत्तियों के संबंध में इसके लिए उत्तरदायी हैं, के खिलाफ प्रथम-दृष्टया मजबूत मामला सामने आया है।'
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा,‘‘इन परिस्थितियों में, मैं निर्देश देता हूं कि प्रतिवादी (नीरव मोदी और अन्य) उस संपत्ति के संबंध में यथास्थिति बनाए रखेंगे और विशेष रूप से नीरव मोदी, एमी नीरव मोदी और अन्य प्रतिवादी 532.72 करोड़ रुपये मूल्य की 21 अचल संपत्तियों को नहीं बचेंगे। मुझे लगता है कि बैंक बिक्री के बाद राशि प्राप्त करने के लिए पात्र है।'
न्यायाधिकरण ने कहा कि यह विचार था कि नीरव मोदी ‘‘भरोसेमंद' नहीं है जो इस देश के बैंकों और नागरिकों को धोखा देकर इस देश से भाग गया। सरकार विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से उसे स्वदेश वापस लाने के लिए कई कदम उठा रही है।'
यह कहा गया कि ऐसी आशंका थी कि नीरव मोदी चल और अचल संपत्तियों की मौजूदा स्थिति को बदलने का प्रयास कर सकता है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, जिन्हें उसके द्वारा धोखा दिया गया है' पीड़ित पक्ष है। न्यायाधिकरण ने कहा,‘‘उनकी धनराशि साफ सुथरी राशि है और यह बैंकों में आनी चाहिए। ज्यादातर ये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं। यह जनता का पैसा है।'
न्यायाधिकरण ने बैंकों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), नीरव मोदी और अन्य को नोटिस जारी किये और बैंकों की अपील का निपटारा करने के लिए 10 दिसम्बर की तिथि तय की।
पीएनबी की शिकायत पर सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि नीरव मोदी की तीन फर्मों ने फरवरी से मई 2017 की अवधि के दौरान धोखाधड़ी से कुल 150 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करवाये जिसका कुल मूल्य 6498.20 करोड़ रुपये है। इसके बाद ईडी ने नीरव मोदी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अलग से एक मामला दर्ज किया था।
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