एक और जवान का वीडियो आया सामने, पीएम से लगाई ये गुहार
जवान ने खाने के अलावा कपड़े, रहने की सुविधा, ड्यूटी के घंटों पर भी सवाल खड़े किये

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नई दिल्ली. बीएसएफ के जवान तेजबहादुर यादव द्वारा जारी किए गए वीडियो संदेश के बाद जिस तरह का खाना सैनिकों को मिलता है इस पर देश में बहस अब और तेज हो गई है क्योंकि तेजबहादुर के बाद अब एक और जवान जीत सिंह का वीडियो सामने आया है। सीआरपीएफ के इस जवान ने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को भी वे सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो सेना के जवानों को मिलती हैं।
होता है भेदभाव
जवान सरहद पर गोली खाते है देश के भीतर आंतकवादियों और माओवादियों से लड़ते हैं तो फिर सुविधाओं के मामले में उनके साथ भेदभाव क्यों किया जाता है।
हर ड्यूटी करते हैं हम
देश के पीएम मोदी तक एक संदेश पहुंचाना चाहता हूं। हम लोग सीआरपीएफ वाले इस देश में कौन-सी ड्यूटी है, जो नहीं करते।लोकसभा चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक और मंदिर से लेकर मस्जिद तक ड्यूटी करते हैं। भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों को मिलने वाली सुविधाओं में इतना अंतर है कि आप सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे।
कोई नहीं है हमारा दुख सुनने वाला
हमारे दुख को समझने वाला कोई नहीं है। सेना को पेंशन मिलती है, हमारी पेंशन भी बंद है। 20 साल बाद नौकरी छोड़कर जाएंगे तो क्या करेंगे। एक्स सर्विस मैन का कोटा, कैंटीन और मेडिकल की सुविधा भी नहीं है। सेना को मिल रही सुविधाओं से हमें ऐतराज नहीं है, उन्हें मिलनी चाहिए। लेकिन हमारे साथ भेदभाव क्यों हो रहा।
बीएसएस के जवान ने गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी
सेना में खाने को लेकर एक शिकायत भरी चिट्ठी सामने आई है। इस चिट्ठी में जवान ने न केवल खाने पर सवाल उठाए हैं बल्कि कपड़े, रहने की सुविधा, ड्यूटी के घंटों पर भी सवाल खड़े किये हैं।
खाने के पैसे किए जाते हैं कहीं और खर्च
इस जवान ने लिखा है कि खाने के लिए अलॉट किए गए पैसे खाने पर नहीं, दूसरी चीजों पर खर्च किए जाते हैं। उसने यह भी लिखा है कि नियमों के मुताबिक आठ घंटे की ड्यूटी करवाई जानी होती है, लेकिन उन्हें लगातार 20-20 घंटों की ड्यूटी पर तैनात किया जाता है।
समय पर नहीं मिलती स्वास्थ्य सेवाएं
जवान ने स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए लिखा कि कागजों पर डॉक्टर नियुक्त रहते हैं, लेकिन वैसे वह सालभर नदारद ही रहते हैं। बीमार जवानों को जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। जवान का कहना है कि फोर्स में कुछ भी नियमों के मुताबिक नहीं चल रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले, BSF जवान तेजबहादुर यादव द्वारा खाने को लेकर शिकायत किए जाने के बाद हंगामा मच गया था, जिसके बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सीमा से लगी सभी पोस्टों पर डाइटीशियन टीमों को भेजने का फैसला किया गया है।
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