उत्तर कोरिया विवाद: अमेरिका प्योंगयांग के परमाणु बलों से ‘भयभीत एवं भ्रमित'' है
अमेरिका, उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर काफी मुखर रहा है।

उत्तर कोरिया और अमेरिका में गतिरोध जारी है। इस मामले में प्योंगयांग का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया भागे जी सियोंग-हो को ‘स्टेट ऑफ द यूनियन' संबोधन के लिए आमंत्रित करने का निर्णय और उप-राष्ट्रपति माइक पेंस का ऑटो वॉर्मबियर के पिता को ओलंपिक लेकर जाना दर्शाता है कि अमेरिका प्योंगयांग के परमाणु बलों से कितना ‘‘भयभीत एवं भ्रमित'' है।
उत्तर कोरिया के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आज दोनों ही कृत्यों को ट्रंप प्रशासन द्वारा देश के कथित ‘‘मानवाधिकार रैकेट'' को बनाए रखने के मद्देनजर की गई ‘‘हताशापूर्ण कार्रवाई'' करार दिया। मिशन ने निदेशक जी सियोंग हो को ‘‘बुरा इंसान'' भी बताया।
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वॉर्मबियर वह छात्र है जिसकी उत्तर कोरियाई जेल से अमेरिका लौटने के बाद कुछ दिनों बाद ही मौत हो गई थी। अमेरिका, उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर काफी मुखर रहा है।
उत्तर कोरिया मिशन ने अपने बयान में अमेरिका को ‘‘मानव इतिहास में मानवाधिकारों का मुख्य उल्लंघनकर्ता बताया।'' दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि अमेरिका बिना किसी पूर्व शर्त के परमाणु संपन्न देश उत्तर कोरिया से बातचीत को तैयार है।
ऐसा प्रतीत होता है कि ओलंपिक में दोनों विद्रोही कोरियाई देशों के बीच परस्पर सम्मान का रवैया देखते हुए व्हाइट हाउस ने अपनी नीति में थोड़ा सा बदलाव किया है। पेंस ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर कोरिया के अपने परमाणु कार्यक्रम पर पूरी तरह रोक न लगाने तक अमेरिका उस पर प्रतिबंध लगाना जारी रखेगा।
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