''देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा, 2019 तक सातों दिन 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य''
सरकार ने 31 मार्च 2019 तक सातों दिन 24 घंटे बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है लेकिन इसे समय से पहले लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।

बिजली मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को कहा कि जनगणना में शामिल देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है और अब सरकार का जोर सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने पर होगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2019 तक सातों दिन 24 घंटे बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है लेकिन इसे समय से पहले लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2015 की स्थिति के अनुसार आजादी के 70 साल बाद भी 19,679 गांवों में से आबादी वाले 18,374 गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी।
1305 गांव में कोई आबादी नहीं
इन गावों में बिजली पहुंचाने का काम पिछले महीने 28 अप्रैल को पूरा कर लिया गया। शेष 1305 गांव में कोई आबादी नहीं है। देश में सभी गांवों में बिजली पहुंचने के मौके पर आयोजित सम्मेलन में सिंह ने कहा, ‘हमें राज्यों से बिजली से वंचित गांवों की जो भी सूची मिली थी, जो जनगणना और राजस्व वाले गांव थे, वहां तय समय से पहले बिजली पहुंचा दी गई है।’
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सरकार का स्पष्टीकरण
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ छोटे टोले या ढाणियां हो सकती हैं जहां बिजली नहीं पहुंची हो। उल्लेखनीय है कि मीडिया के एक वर्ग में ऐसा समाचार प्रकाशित हुआ है कि अभी भी कुछ गांव बचे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची। इसी संदर्भ में यह स्पष्टीकरण दिया गया।
सभी घरों में बिजली दिसंबर 2018 तक
मंत्री ने कहा कि गांवों तक बिजली पहुंचाने के बाद अब हमारा जोर सभी घरों को बिजली पहुंचाने पर होगा और हम इसे 31 दिसंबर 2018 तक हर हाल में पूरा करेंगे। बिजली सचिव अजय कुमार भल्ला के अनुसार 30 अप्रैल की स्थिति के अनुसार 3.13 करोड़ घर ऐसे हैं जहां बिजली अभी नहीं पहुंची है।
कांग्रेस ने की आलोचना
सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत इन घरों में बिजली पहुंचाने का काम जारी है। कांग्रेस की इस आलोचना पर कि कुल छह लाख गांवों में से केवल 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाने को लेकर सरकार पीठ थपथपा रही है, सिंह ने कहा, ‘अगर इन गांवों में बिजली पहुंचाना इतना ही आसान था तो इसे उन्होंने क्यों नहीं पूरा कर लिया।’
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कांग्रेस नहीं पा सकी थी लक्ष्य
कांग्रेस ने इसे पूरा करने के लिए 2009-10 का लक्ष्य रखा था लेकिन वे पूरा नहीं कर पाए। सरकार के अनुसार जो भी गांव बचे थे, उनकी भौगोलिक स्थिति काफी दुर्गम थी। अरूणाचल प्रदेश और मणिपुर में 102 गांव ऐसे थे, जहां सामान को जिला मुख्यालय से कंधे पर पहुंचाये गए।
बिजली पहुंचाने वायुसेना की मदद ली गई
जम्मू कश्मीर, अरूणाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के कुछ गांवों में वायुसेना के हेलीकाप्टरों और पवन हंस की मदद ली गयी। इसके अलावा 7,614 गांव नक्सली प्रभावित थे जहां बिजली पहुंचाने का काम आसान नहीं था। साथ ही 2762 गांवों में सौर आधारित बिजली पहुंचाई गई है।
इनपुट- भाषा
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