रेलवे सुधारेगी खाने की गुणवत्ता, ये है नई पॉलिसी
CAG रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि रेलवे के खाने में दूषित पानी का प्रयोग हो रहा है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 23 July 2017 2:53 PM GMT Last Updated On: 23 July 2017 2:53 PM GMT
कैग द्वारा रेलवे की पेंट्रीकार में भोज्य पदार्थ की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगने के बाद रविवार को रेल मंत्रालय ने नयी रणनीति के तहत खाने को लेकर खाने की क्वॉलिटी को सबसे पहली प्राथमिकता दी है।
मंत्रालय ने बताया कि नई पॉलिसी का उद्देश्य यात्रियों को ताजा व स्वास्थकर खाना उपलब्ध कराना है। गौरतलब है कि पिछले दिनों कैग ने अपनी एक रिपोर्ट में रेलवे में यात्रियों को उपलब्ध होने वाले खाने की गुणवत्ता के बारे में खुलासा किया था कि खाना बनाने के लिए दूषित पानी का प्रयोग हो रहा है।
इसके साथ ही कैग की रिपोर्ट में ये बात भी दर्ज थी कि रेलवे की पैंट्री में चूहें और तिलचट्टे का साम्राज्य है, और यात्रियों को दिया जाने वाला खाना भी बिना ढंके ही रखा जाता है।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि रेलवे में जो भी खाना पीना यात्रा के दौरान यात्रियों को उपलब्ध कराया जा रहा है वह किसी भी तरह से इंसान के स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं है और योग्य है।
कैग की इस रिपोर्ट पर रेलमंत्रालय ने आवश्यक कारवाई की जानकारी ट्वीट कर साझा की, मंत्रालय ने लिखा, 'मंत्रालय ने कैटरिंग सर्विस में सुधार के लिए एक नई शरुआत की है।'
मंत्रालय ने 27 फरवरी को नयी कैटरिंग रणनीति के तहत ये बताया कि नई पॉलिसी में का कहा है कि किचन और खाने की क्वॉलिटी में गुणवत्ता बनाये रखना आईआरसीटीसी का काम होगा।
रेल मंत्रालय ने बताया कि अब खाना बनाने और खाना बांटने की व्यवस्था को अलग किया जा रहा है यानी कि कुक और फूड सप्लायर दोनों अलग अलग होंगे।
इसके अलावा रेल मंत्रालय ने यह भी बताया कि ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि रेल यात्रियों को बाहर का खाना न सप्लाई किया जाए। रेल यात्रियों को केवल आईआरसीटीसी के किचन का ही खाना उपलब्ध कराया जाएगा।
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