राकेश अस्थाना के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे सीबीआई के अतिरिक्त एसपी गुर्म
सीबीआई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस एस गुर्म ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सौंपे एक आवेदन में बुधवार को कहा कि जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एक मामले के शिकायतकर्ता हैदराबाद के कारोबारी, दुबई स्थित दो बिचौलियों और एक शीर्ष रॉ अधिकारी के बीच ‘‘स्पष्ट और अचूक संबंध'''' साबित करने वाले ‘‘अपराध से जुड़े साक्ष्य हैं।''''

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 1 Nov 2018 5:00 AM GMT Last Updated On: 1 Nov 2018 5:00 AM GMT
सीबीआई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस एस गुर्म ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सौंपे एक आवेदन में बुधवार को कहा कि जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एक मामले के शिकायतकर्ता हैदराबाद के कारोबारी, दुबई स्थित दो बिचौलियों और एक शीर्ष रॉ अधिकारी के बीच ‘‘स्पष्ट और अचूक संबंध' साबित करने वाले ‘‘अपराध से जुड़े साक्ष्य हैं।'
जांच एजेंसी में अतिरिक्त एसपी पद पर तैनात गुर्म ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अस्थाना की उस रिट याचिका में पक्षकार बनाने का अनुरोध किया, जिसमें उन्होंने 16 अक्टूबर को उनके तथा अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि इस बारे में तर्कसंगत संदेह है कि सीबीआई घूसखोरी के एक मामले में अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग वाली उनकी याचिका को असरदार तरीके से चुनौती नहीं देगी।
गुर्म ने अस्थाना, सीबीआई डीएसपी देवेंद्र कुमार और दुबई के कारोबारी मनोज प्रसाद तथा सोमेश प्रसाद से जुड़े घूसखोरी के मामले में रॉ के विशेष निदेशक सामंत गोयल का भी नाम लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्थाना अदालत के सामने ‘‘चुनिंदा' तथ्य रखकर अदालत को गुमराह कर रहे हैं।
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और अस्थाना के बीच टकराव के बीच अन्य सीबीआई अधिकारियों के साथ गुर्म का भी तबादला कर दिया गया था। दिल्ली से जबलपुर स्थानान्तरित किये गये अधिकारी ने इस मामले में सुने जाने का अवसर देने की मांग की।
उच्च न्यायालय में दिये आवेदन में अतिरिक्त एसपी ने इस मामले से जुड़ी कई घटनाएं बताईं, जिनमें वह हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना द्वारा दायर शिकायत की जांच करने वाली टीम में शामिल थे। सना ने अस्थाना और अन्य पर मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से संबंधित मामले को निपटाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि आवेदक (गुर्म) को इस बात का तार्किक संदेह है कि सीबीआई अस्थाना को बचाने और उनकी मदद करने की कोशिश कर रही है और शायद वह उनकी याचिका को असरदार तरीके से चुनौती नहीं देगी।
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