जानें क्या है विश्व आर्थिक फोरम, भारत के लिए इस वजह से खास होगी बैठक
विश्व आर्थिक मंच नॉन प्रॉफिटेबल अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो सहयोग के लिए व्यापार, राजनीति, शिक्षा और समाज के अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर दुनिया की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 22 Jan 2018 10:01 AM GMT
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक दोवास में होने जा रही है। इस बैठक में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 6 कैबिनेट मंत्री, 2 मुख्यमंत्री और 100 से ज्यादा सीईओ शामिल होंगे।
आइए आपको बताते है कि आखिर विश्व आर्थिक फोरम क्यों खास है।
विश्व आर्थिक मंच नॉन प्रॉफिटेबल अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो सहयोग के लिए व्यापार, राजनीति, शिक्षा और समाज के अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर दुनिया की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्व आर्थिक फोरम का मुख्यालय जनेवा में है। यह फोरम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का एक अहम प्लेटफॉर्म है।
विश्व आर्थिक फोरम की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी। 1971 में यूरोपियन कमीशन और यूरोपियन प्रोद्योगिकी संगठन के सौजन्य से विश्व आर्थिक संगठन की पहली बैठक हुई थी।
इस फोरम की शीतकालीन बैठक की शुरूआत आज से होगी जो कि सबसे चर्चित कार्यक्रम होता है। इस बैठक में कई मुद्दों का समाधान निकाला जाता है। बैठक में 2,500 लोग भाग लेते हैं। हर साल बैठक का मुद्दा अलग होता है। इस बार इसका थीम- विभाजित दुनिया के लिए साझा भविष्य का निर्माण है। इस साल फोरम की 48वीं बैठक का आयोजन होने जा रही है।
ये होगी खास बात
इस बार फोरम में डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ और विश्व बैंक सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 38 प्रमुख उपस्थित होंगे। इसके साथ ही अलग-अलग देशों के 2,000 कंपनियों के सीईओ भी इस फोरम में शिरकत करेंगे। इस साल बड़ी संख्या में महिलाएं सत्र को मॉडरेट और संबोधित करेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्लेनेरी सत्र को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान विकास गाथा को वैश्विक मंच पर रखेंगे और दुनिया को भारत डो कि न्यू इंडिया और इनोवेटिव इंडिया बनने को तैयार है उससे रूबरू कराएंगे। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षिय वार्ता करेंगे।
इसके साथ ही ये पहली बार होगी कि दोवास में भारत के दो आचार्य भी शामिल होंगे। ये दोनों योग-सत्र को आयोजित करेंगे। इसके साथ ही बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान स्त्री सशक्तिकरण के सत्र को संबोधित करेंगे।
भारत का कोई प्रधानमंत्री फोरम की बैठक में दो दशक बाद शामिल होंगे। इस फोरम की बैठक से भारत को निवेशक मिल सकते हैं। विदेशी कंपनी को नए टैक्स कानूनों का फायदा मिलेगा। व्यापार के लिए मार्केट के तौर पर सभी देशों की नजर भारत पर रहेगी।
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