नमाज से पहले ये पढ़ते थे कलाम, 11 बातें जो दुनिया को नहीं पता
भारत के लोकप्रिय ग्यारहवें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को शिक्षक की भूमिका बेहद पसंद थी।

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नई दिल्ली. भारत के लोकप्रिय ग्यारहवें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को शिक्षक की भूमिका बेहद पसंद थी। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को लोग कई नाम से जानते हैं। कोई उन्हें 'मिसाइल मैन' कहता है। कोई उन्हें सफल साइंटिस्ट के तौर पर जानता है। युवाओं के बीच वे यूथ आइकॉन के तौर पर मशहूर हैं। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। डॉ. कलाम का पूरा जीवन लोगों को मोटिवेट करता है। बेहद गरीब फैमिली में जन्मे कलाम को बचपन में अखबार भी बेचना पड़ा था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को हुआ था। इनके पिता अपनी नावों को मछुआरों को किराए पर देकर अपने परिवार का खर्च चलाते थे।
कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया। भारत के सर्वोच्च पर पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया।
इस मौके पर बता रहे हैं उनसे जुड़ी 11 ऐसी बातें जिसे शायद आप नहीं जानते हो...
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