नहीं सुलझ पाएगी आरुषि-हेमराज हत्याकांड की गुत्थी, ये है वजह
आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी किए जाने के फैसले को 114 दिन बीत गए हैं।

आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी किए जाने के फैसले को 114 दिन बीत गए हैं। लेकिन CBI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अभी तक कोई याचिका दाखिल नहीं की है।
बता दें कि सीबीआई के पास अपील करने के लिए 90 दिन की मोहलत थी लेकिन जांच एजेंसी ने इस समयावधि में कोई याचिका दाखिल नहीं की है।
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CBI has not appealed against Allahabad HC's order that acquitted Rajesh and Nupur Talwar in Aarushi-Hemraj Murder Case, the agency had 90 days to appeal but the top officials are yet to take a call on it: CBI Sources
— ANI (@ANI) February 2, 2018
गौरतलब है कि CBI इस मामले में पूरी तरह परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर ही दलील पेश कर रही थी, जो दलील हाईकोर्ट में नहीं टिक पाई और तलवार दंपती को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 अक्टूबर 2017 को बरी कर दिया था।
लेकिन अब जब इस मामले में सीबीआई की तरफ से तय अवधि में कोई अपील दाखिल नहीं की गई है तो लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामला सुलझ पाएगा। यही सवाल तलवार दंपती को रिहाई के समय भी लोगों ने उठाए थे।
बता दें कि सीबीआई ने भले ही अपील संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है लेकिन मृतक हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है।
इस याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत है। हाईकोर्ट ने इस मामले को हत्या तो माना लेकिन किसी को दोषी नहीं ठहराया। इसलिए सीबीआई की यह जिम्मेदारी है कि वह हत्यारों का पता लगाए।
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क्या है मामला
गौरतलब है कि मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार इलाके में 14 साल की आरुषि का शव उसके मकान में बरामद हुआ था। पहले तो इस मर्डर की शक की सुई नौकर हेमराज की ओर गई लेकिन 2 दिन बाद घर की छत पर उसका भी शव बरामद किया गया। उस समय उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच CBI को सौंपी थी।
इसके बाद मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर, 2013 को आरुषि के डॉक्टर पैरेंट्स राजेश और नूपुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला पलट दिया और उन्हें बरी कर दिया।
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