आधार ने सालों बाद बच्चे को मिलाया परिवार से
संजय नाम का मूक बधिर बच्चा 3 साल पहले भाई से झगड़ा होने के बाद घर से भाग गया था।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 14 April 2017 1:29 AM GMT Last Updated On: 14 April 2017 1:29 AM GMT
क्या आधार कार्ड बिछड़े बच्चे को मिला सकता है? ऐसा ही कुछ हुआ है गुजरात के नर्मदा जिले में। यहां पर आधार कार्ड की वजह से महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला एक बच्चा अपने परिवार से 3 साल बाद दोबारा मिल गया।
14 साल का यह बच्चा जन्म से ही बोल-सुन नहीं सकता है। महाराष्ट्र-कर्नाटक की सीमा पर लातूर जिले में संजय अपने परिवार के साथ रहता था। 3 साल पहले भाई से झगड़ा होने के बाद संजय घर छोड़ कर भाग गया था।
बता दें कि उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके परिवार वालों ने पुलिस में भी दर्ज कराई थी, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। संजय भटकते हुए हैदराबाद पहुंचा और फिर वहीं से गुजरात में वडोरा रेलवे स्टेशन पर आ गया।
यहां से पुलिस उसे नर्मदा के राजपीपला मूक बधिर स्कूल ले गई। यहां उसका आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की गई तो सिस्टम ने बताया कि यह डुप्लीकेट हो रहा है। आधार कार्ड पहले से ही महाराष्ट्र के लातूर जिले की देओनी तहसील के हैंचल गांव के पते से बना है।
गौरतलब है कि रिकॉर्ड में बच्चे का नाम संजय नागनाथ येनकुन लिखा पाया गया। संजय के घरवालों से संपर्क कर जानकारी दी गई। बिना विलंब किए घरवाले नर्मदा पहुंचे और पुलिस वालों ने उन्हें संजय को सौंप दिया।
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