2G स्पैक्ट्रम केसः CBI और ED ने आरोपियों के खिलाफ SC में दायर की याचिका, ए राजा ने ली चुटकी
ए.राजा ने उनकी रिहाई को लेकर सीबीआई और ईडी के द्वारा उच्च न्यायालय में अपील करने को लेकर बयान जारी किया है। ए. राजा ने कहा कि विपक्षी पक्ष को किसी भी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का पूरा अधिकार है। ए.राजा ने कहा कि अगर मैं दोषी पाया जाता तो मेरे पास अपील करने का अधिकार नहीं होता।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 21 March 2018 12:57 PM GMT Last Updated On: 21 March 2018 12:57 PM GMT
2जी स्पैक्ट्रम मामलें में दिल्ली की एक अदालत ने मुख्य आरोपी और भारत के पूर्व दूर संचार मंत्री ए.राजा को रिहा कर दिया था। जिसे लेकर अब सीबीआई और ईडी के द्वारा उनकी रिहाई को लेकर उच्चतम न्यायालय में अपील की गई है।
ए.राजा ने उनकी रिहाई को लेकर सीबीआई और ईडी के द्वारा उच्च न्यायालय में अपील करने को लेकर बयान दिया है। ए. राजा ने कहा कि विपक्षी पक्ष को किसी भी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का पूरा अधिकार है।
Deprived party can go for appeal, that is a statutory right... Suppose if I am convicted am I not entitled to appeal? That is quite natural, noting special.. it was 100% anticipated: A. Raja on CBI & ED moving higher court in 2G Scam Case acquittal. pic.twitter.com/qsk0WsSliY
— ANI (@ANI) March 21, 2018
ए.राजा ने कहा कि अगर मैं दोषी पाया जाता तो मेरे पास अपील करने का अधिकार नहीं होता। ये बिल्कुल स्वभाविक है और इसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं है, मुझे इस बात की शत प्रतिशत आशंका थी की सीबीआई मेरी रिहाई को लेकर जरूर उच्चतम न्यायलय में चुनौती देगी।
आपको बता दे कि 2जी मामले में उच्च न्यायालय ने कहा कि धन शोधन मामले में ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनी रहेगी। अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने 2जी स्पैक्ट्रम घोटाला मामले में सीबीआई की उस याचिका पर राजा, कनिमोझी और अन्य को नोटिस जारी किए जिसमें उन्हें बरी करने को चुनौती दी गई है।
यहीं नहीं उच्च न्यायालय ने 2जी से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की याचिका पर राजा, कनिमोझी और अन्य को भी भेजा नोटिस। याचिका में इनकी रिहाई के फैसले को चुनौती दी गई है।
क्या है 2जी मामला
2जी घोटाला साल 2010 में प्रकाश में आया जब भारत के महालेखाकार और नियंत्रक ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे।
जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक के अनुसार सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों का नुकसान हुआ था। आरोप था कि अगर लाइसेंस नीलामी के आधार पर होते तो खजाने को कम से कम एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों और प्राप्त हो सकते थे।
हालांकि महालेखाकार के नुकसान के आंकड़ो पर कई तरह के आरोप थे लेकिन ये एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया था और मामले पर देश के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल किया गया था।
आपको बता दे कि भारत के पूर्व दूर संचार मंत्री ए राजा को 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। तमिलनाडु के राजनीतिक दल और मनमोहन सिंह सरकार को समर्थन दे रहे दल डीएमके के सांसद ए राजा 2जी मामले में पिछले 15 महीनों से जेल में थे।
दूर संचार के स्पेक्ट्रम घोटाले में अभियुक्त 13 लोगों को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। इस मामले में पूर्व दूर संचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा को हाल में ही जमानत मिली थी। ए.राजा के वकील ने इसी आधार पर पूर्व दूर संचार मंत्री को जमानत दिए जाने की याचिका दायर की थी।
अदालत ने पिछले हफ्ते इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था और फैसले कि लिए मंगलवार की तारीख तय की थी। राजा ने वकील की दलील थी कि मामले में सीबीआई की जांच पूरी हो चुकी है और उन्हें अब जेल में रखने की जरूरत नहीं है। जांच एजेंसी ने राजा को जमानत दिए जाने का विरोध किया था।
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