गोदामों में सड़ रहा 90 फीसदी अनाज, महाराष्ट्र सबसे आगे
आरटीआई से खुलासा हुआ है कि देश में सबसे ज्यादा अनाज महाराष्ट्र में हो रहा है।

देश में खाद्यान्न की कमी को दूर करने के लिये जहां एक ओर सरकार को आयात पर निर्भरता को बढाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर भारतीय खाद्य निगम एफसीआई के गोदामों में खाद्यान्न के खराब होने की मात्रा लगातार बढ़ रही है।
एफसीआई की ओर से सूचना के अधिकार आरटीआई कानून के तहत उजागर किये गये आंकड़ों में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि एफसीआई के गोदामों में खराब होने वाले खाद्यान्न का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा महाराष्ट्र का है।
खराब होने के कारण उपभोग के लिये जारी नहीं किये जा सकने वाले खाद्यान्न की मात्रा से जुड़े पिछले छह साल के आंकड़ों में यह उजागर हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता राम गुप्ता की आरटीआई के जवाब के मुताबिक साल 2016-17 में एफसीआई के 25 राज्यों में मौजूद गोदामों में कुल 8679.39 मीट्रिक टन खाद्यान्न खराब हुआ।
महाराष्ट्र के गोदामों में सड़ रहा अनाज.....
आंकड़ों से यह ज्ञात हुआ कि अकेले महाराष्ट्र में स्थित एफसीआई के गोदामों में 7963.36 मीट्रिक टन खाद्यान्न को उपयोग में नहीं लाए जा सकने योग्य करार दिया गया।
आंकड़ों के मुताबिक साल 2011-12 में एफसीआई के 25 राज्यों में स्थित गोदामों में कुल 3338.01 मीट्रिक टन खाद्यान्न खराब हुआ। इस साल भी महाराष्ट्र खाद्यान्न की खराबी में अव्वल रहा। यहां एफसीआई के गोदामों में 1473 मीट्रिक टन खाद्यान्न अनुपयोगी करार दिया गया।
खाद्यान्न खराब होने में लगातार इजाफा....
आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र के बाद असम में 205.16 मीट्रिक टन खाद्यान्न खराब हुआ। खाद्यान्न खराब होने के मामले में पिछले सालों के आंकडों से स्पष्ट होता है।
कि साल 2011-12 की तुलना में पिछले वित्त वर्ष तक खाद्यान्न खराब होने की मात्रा में लगातार इजाफा हुआ है। खासकर साल 2016-17 में साल 2011-12 की तुलना में ढाई गुने तक का इजाफा हुआ।
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