येरुशलम में अमेरिकी दूतावास के स्थानांतरण से भड़की हिंसा, इजरायली फायरिंग में 52 फलस्तीनियों की मौत
अमरीका ने सोमवार को तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरूशलम में खोल दिया। अमरीका के इस कदम से भड़के फलस्तीनी लोग इजरायली सैनिकों से भिड़ गए और इस दौरान इजरायली बलों की गोलीबारी में गाजा में कम से कम 52 लोग मारे गए।

अमरीका ने सोमवार को तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरूशलम में खोल दिया। अमरीका के इस कदम से भड़के फलस्तीनी लोग इजरायली सैनिकों से भिड़ गए और इस दौरान इजरायली बलों की गोलीबारी में गाजा में कम से कम 52 लोग मारे गए। यह 2014 के बाद से सबसे भीषण हिंसा है।
इजरायली गोलीबारी में 1,700 अन्य घायल हुए हैं। फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और इजरायली सैनिकों पर पथराव किया। राष्ट्रपति महमूद अब्बास की पार्टी फतह के नेतृत्व वाले एवं वेस्ट बैंक के रामल्ला शहर स्थित फलस्तीनी प्राधिकरण ने मरने वालों की संख्या बढऩे पर इस्राइल पर ‘भयानक कत्लेआम’ का आरोप लगाया।
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उधर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मारे गए लोगों में 14 वर्षीय एक बच्चा भी है। विरोध के लिए हजारों लोग सीमा पर पहुंचे थे। इस बीच कुछ लोग पथराव करते हुए बाड़ के नजदीक पहुंच गए और वे उसे पार करने की कोशिश करने लगे।
उस पर इजरायली सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल रखा था। इजरायली सेना ने कहा, 'करीब 1000 हिंसक उपद्रवी गाजा पट्टी सीमा के समीप जगह-जगह जमा हो गए थे और सुरक्षा बाड़ से करीब आधे किलोमीटर दूर हजारों अन्य जुटे थे।
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