अगर लड़का 21 साल से कम है तो भी बालिग लड़की के साथ लिव इन में रह सकता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी कि दो बालिग अगर शादी की उम्र में नहीं हैं तो भी वे चाहें तो अपनी मर्जी से शादी के बिना साथ जीवन जी सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि यदि लड़का बालिग है और 21 साल से कम है तो भी वह बालिग लड़की के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी कि दो बालिग अगर शादी की उम्र में नहीं हैं तो भी वे चाहें तो अपनी मर्जी से शादी के बिना साथ जीवन जी सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायिका भी लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देती है।
कोई छीन नहीं सकता अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जीवनसाथी चुनने का अधिकार युवक-युवती से कोई छीन नहीं सकता। कोई सामाजिक संगठन, संस्था या फिर कोर्ट भी ऐसा नहीं कर सकता।
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21 साल की उम्र जरूरी
भारत में शादी के लिए लड़के की उम्र 21 साल और लड़की 18 साल होना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी युवक की उम्र शादी योग्य यानि 21 साल नहीं हुई और उसकी शादी कर दी गई है तो वह अपनी पत्नी के साथ लिव इन में रह सकता है।
लड़का-लड़की चाहें तो शादी के योग्य उम्र होने पर विवाह बंधन में बंध सकते हैं और ऐसा नहीं चाहते तो लिव इन रिलेशनशिप में ही ताउम्र रह सकते हैं।
पिता ने दायर की थी अर्जी
सुप्रीम कोर्ट केरल की एक 19 वर्षीय युवती की शादी 20 साल के युवक से होने के मामले में सुनवाई कर रहा था। लड़के की उम्र 21 साल से कम होने के कारण हाईकोर्ट ने लड़की के पिता की अर्जी मंजूर कर ली थी और लड़की को पिता की कस्टडी में भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने लड़के की अर्जी स्वीकार करते हुए केरल हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है।
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लड़के की ये दलील
राकेश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया कि योगिता 19 साल की बालिग है। वह जहां चाहे रह सकती है। राकेश 21 साल से कम भी है तो भी वो बालिग है और हिन्दू मैरेज एक्ट के तहत ये शादी शून्य यानी अवैध नहीं है बल्कि शून्य करार होने योग्य (वॉइडेबल) है। ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं है।
क्या है मामला
अर्जी में कहा गया था कि राकेश और योगिता (दोनों का बदला हुआ नाम) की हिंदू रीति से 12 अप्रैल 2017 को शादी हुई। शादी के वक्त लड़की 19 साल और लड़का 20 साल का था। इसके बाद लड़की राकेश के साथ पत्नी के तौर पर रही।
योगिता के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दाखिल की। केरल हाई कोर्ट में हैबियस कोरपस लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि लड़के की उम्र शादी की नही है, जबकि लड़की की है।
ऐसे में वो कानूनन पत्नी नहीं है। दोनों शादीशुदा हैं, इसके ठोस साक्ष्य नहीं पेश किए गए। हाई कोर्ट ने योगिता के पिता की अर्जी स्वीकार कर ली और लड़की को पिता की कस्टडी में भेज दिया।
इनपुट- भाषा
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