सोलह साल में काट दिए गए 63 लाख फलदार पेड़
2005 के बाद बढ़ी पेड़ों की कटाई की रफ्तार, पावर प्लांट के नाम पर भी हुई अंधाधुंध रफ्तार

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haribhoomi.comCreated On: 7 July 2016 12:00 AM GMT
रीवा. बीते करीब 16 साल में जिले में 63 लाख फलदार पेड़ काट दिए गए हैं, जिन पेड़ों की कटाई हुई है उनमें आम, महुआ, जामुन, बरगद, पीपल आदि प्रमुख पेड़ शामिल हैं। पेड़ कटाई की रफ्तार वर्ष 2005 से बढ़ी है। यह जानकारी वन संसाधन द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में सामने आई है।
ये हैं प्रमुख कारण
वनों में हो रहे अवैध कब्जे, सड़क चौड़ीकरण और तराई अंचल में अभिजीत एवं वीडियोकॉन कंपनी द्वारा पॉवर प्लांट लगाने के लिए करीब 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को प्रमुख कारण माना गया है।
ऐसे की गई गणना
वन संसाधन सर्वेक्षण के दौरान 253 सेम्पल प्लांट डालकर पेड़ों की प्रजातिवार गणना की गई थी। जिसके आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में पता चला कि फलदार पेड़ों की जमकर कटाई की गई है। साथ ही अन्य पेड़ भी इस दौरान काटे गए हैं।
वन परिक्षेत्र में अवैध कब्जे से भी पेड़-पौधें को नुकसान हो रहा है - डीसी गुप्ता, डीएफओ, रीवा
इन क्षेत्रों में अधिक कटाई
रिपोर्ट के अनुसार जिले के छुहिया घाटी, सोहागी पहाड़, बहुती, क्योंटी फॉल, सिरमौर, बरदहा घाटी, अतरैला, हरदोली, गड़ोखर, देवखर, ककरैली, हनुमना, मऊगंज आदि वन परिक्षेत्र में पेड़ों की ज्यादा कटाई की गई है। वर्ष 2011 में रीवा एवं शहडोल संभाग में पेड़ों की गणना की गई थी। जिसमें सर्वाधिक फलदार पेड़ गायब होना पाया गया था।
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