''नर्मदा'' को मिलेगा जीवित इंसान का दर्जा
नारायण के वरदान के अनुसार गंगा सहित सभी तीर्थ पापियों के स्नान से हुए कलुष को धोने नर्मदा में आते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक से निकलने वाली नर्मदा नदी को जीवित इंसान का दर्जा देने का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट करके यह घोषणा की।
नर्मदा जी के पवित्र तट पर आज मैं घोषणा कर रहा हूँ कि नर्मदा मैया को अब से जीवित इकाई ही माना जायेगा। #NarmadaSevaYatra pic.twitter.com/T62xXUFeDj
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 24, 2017
इससे पहले उत्तराखंड के नैनिताल हाईकोर्ट ने गंगा नदी को जीवित इंसान का दर्जा दिया था। इस तरह नर्मदा नदी देश की दूसरी नदी हो गई जिसे यह दर्जा प्राप्त हुआ है।
बता दें कि इस बावत् एक जनहित याचिका भी मप्र हाईकोर्ट में विचाराधीन है। पूरी संभावना थी कि हाईकोर्ट से नर्मदा नदी को यह दर्जा प्राप्त हो जाता। इससे पहले सीएम ने ऐलान कर दिया।
क्या होता जीवित दर्जा
नैनिताल हाईकोर्ट ने जब गंगा नदी को जीवित इंसान का दर्जा दिया तो अपने फैसले में कहा कि अगर कोई गंगा को पॉल्यूटेड करता है, तो उस पर उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी, जो किसी इंसान को नुकसान पहुंचाने पर की जाती है।
किसी नदी को ऐसा दर्जा दिए जाने का दुनिया में यह दूसरा मामला था। इससे पहले न्यूजीलैंड की एक नदी को वहां की संसद ने ऐसा दर्जा दिया था। इस तरह नर्मदा दुनिया की तीसरी और देश ऐसी दूसरी नदी होगी, जिसे जीवित माना जाएगा।
गंगा से प्राचीन है नर्मदा
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि गंगा का अवतरण त्रेता युग ओर नर्मदा का अविर्भाव सतयुग में हुआ। नारायण के वरदान के अनुसार गंगा सहित सभी तीर्थ पापियों के स्नान से हुए कलुष को धोने नर्मदा में आते हैं। इसलिए नर्मदा परिक्रमा में सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है।
साल में एक बार गंगा स्वयं नर्मदा में स्नान करने आती है और धवल होकर लौटती है। गंगा की भाँति नर्मदा का जल भी औषधीय गुणों से भरपूर है।
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