खूबसूरत एमबीए दुल्हन ने अपाहिज दूल्हे से रचाई शादी

परिवार के इकलौते बेटे की शादी का जश्न भी जरूरी था। इसलिए 22 फरवरी को साकेत क्लब में गौरव ने समारोहपूर्वक सविता की मांग में सिंदूर भरकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई।
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परिवार के इकलौते बेटे की शादी का जश्न भी जरूरी था। इसलिए 22 फरवरी को साकेत क्लब में गौरव ने समारोहपूर्वक सविता की मांग में सिंदूर भरकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई।