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खुलासा: इंदौर के मेयर ने बताया क्यों है उनका शहर सबसे साफ

सर्वेक्षण में ठोस कचरा प्रबंधन, घर घर से कचरा प्रबंधन, निजी व सामुदायिक शौचालय की स्थिति व सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार और सफाई को लेकर शिक्षा व जागरूकता को आधार बनाया गया।

खुलासा: इंदौर के मेयर ने बताया क्यों है उनका शहर सबसे साफ
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केंद्र सरकार ने 434 शहरों एवं नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण करवाया था जिसकी स्वच्छ भारत रैंकिंग गुरुवार 4 मई को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडु ने एक कार्यक्रम में जारी की।
केंद्र सरकार द्वारा करवाए गए इस स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश का इंदौर सबसे आगे रहा। इंदौर की इस स्वच्छता रैंकिंग से वहां की मेयर मलिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ काफी खुश हैं। उन्होंने इसका सारा श्रेय पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान और जनता को दिया।
उन्होंने कहा, 'मां अहिल्या की पावन नगरी इंदौर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए मैं कृतज्ञ हूं शहर की जनता के प्रति जिन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की राष्ट्र निर्माण सोच के तहत चलाए गए स्वच्छ भारत-स्वच्छ इंदौर मिशन के तहत अपना अमूल्य सहयोग और मार्गदर्शन हमें दिया है।'
इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चैहान को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने हमें हर संभव सहयोग और मार्गदर्शन दिया।
उन्होंने कहा, 'मैं अपने निगम परिवार का भी आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर शहर की सफाई में दिन रात अपना अभूतपूर्व श्रम दिया है। मां अहिल्या की पावन नगरी के सम्मानीय नगारिकों को पुनः आभार व बधाई।'
उन्होंने कहा, 'हमें आगे भी ऐसे ही शहर के विकास के नए आयाम देंगे। शहर के सभी वरिष्ठजन व सभी जनप्रतिनिधियों का भी आभार जिन्होंने हमें मार्गदर्शन दिया व सहयोग किया।'
स्वच्छता मिशन में इंदौर नंबर वन एक बनने के साथ प्रदेश में भी नंबर वन बना है। प्रदेश के कुल 21 शहर टाॅप सौ में शामिल है। टाॅप 10 में इंदौर,भापोल और टाॅप 25 में उज्जैन,खरगोन,जबलपुर और सागर को भी स्थान मिला है।

ऐसे पहुंचा पहले पायदान पर:

पिछले वर्ष करवाए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर 25 वे स्थान पर था। शहर के लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था। साल 2011-12 में इंदौर सफाई के मामले में 61 वे स्थान पर था। चार वर्ष के बाद 2015 में 25 वे स्थान पर आ गया था। करीब साव दो साल के बाद इंदौर स्व्च्छता के मामले में पहले पायदान पर आ गया है।

ऐसे शहर हुआ साफ सुथरा:

- इंदौर का शहरी और ग्रामीण इलाका पहले ही खुले में शौच मुक्त हो चुका है।
- नगर निगम के कर्मचारियों और आधुनिक मशीनों से सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाया गया।
- सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट पर बहुत जोर देकर काम किया गया।
- समय समय पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई।
- शहर के कई नामी समाजसेवी संगठन ने भी बढचढकर हिस्सा लिया।
- शहर में घर से कचरा उठाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। निगम के वाहन घर पहुंचकर कचरा एकत्र करता है।
- गीला कचरा डालने और सूखा कचरा डालने के लिए क्षेत्रों में दो अलग अलग डस्टबिन लगाए गए।
-समय समय पर सफाई को लेकर अधिकारियों द्वारा लगातार माॅनिटरिंग भी की गई।

इस आधार पर तय हुई रैंकिग:

सर्वेक्षण में ठोस कचरा प्रबंधन, घर घर से कचरा प्रबंधन, निजी व सामुदायिक शौचालय की स्थिति व सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार और सफाई को लेकर शिक्षा व जागरूकता को आधार बनाया गया।
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा गठित काउंसिल ने देश के 38 शहरों को सम्मानित करने के लिए की सिफारिश की गई थी।
काउंसिल ने देश के 38 शहरों को सम्मानित करने की सिफारिश की गई थी। कांउसिल ने इन शहरों में जाकर सड़क से लेकर सार्वजनिक स्थानों,मार्केट,रेलवे लाइन व बस स्टैंड व सर्वे कर सफाई की रिपोर्ट तैयार की थी।
इस सर्वे में दूसरे स्थान पर रहे भोपाल के मेयर आलोक शर्मा ने कहा, 'मैं इस उपलब्धि के लिए जनता का आभारी हूं। इस उपलब्धि के साथ बड़ा दायित्व भी मिला है कि हम सफाई की इस व्यवस्था को बरकरार रखें।'
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में जहां कमी रह गई है उन्हें दूर कर पहली रैकिंग के लिए प्रयास करेंगे। अभियान में निगम के स्वच्छता सेवकों,अधिकारियों और कर्मचारियों,सामाजिक व धार्मिक संगठनों का सहयोग मिला है।

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