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साक्षी के क्षेत्रिय मदरसें मे पढ़ा रहे हिंदू शिक्षक, 2 मदरसों मे हिंदू-मुस्लिम साथ ले रहें है शिक्षा

यहां पढ़ने वाले छात्र और पढाने वाले शिक्षक मुस्लिम और हिन्दू दोनों धर्मो के हैं।

साक्षी के क्षेत्रिय मदरसें मे पढ़ा रहे हिंदू शिक्षक, 2 मदरसों मे हिंदू-मुस्लिम साथ ले रहें है शिक्षा
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कानपुर. मुस्लिम मदरसों को कथित रूप से आतंक सिखाने का अड्डा बताने वाले उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज के अपने संसदीय क्षेत्र के शुक्लागंज कस्बे में दो मदरसे ऐसे भी है जहां हिन्दू बच्चे तो पढ़ते ही है इन मदरसों में आधे से अधिक शिक्षक भी हिंदू है। यहीं नही इस मदरसे में कुछ साल पहले तक संस्कृत भी पढ़ाई जाती थी लेकिन अब बच्चों के रूचि न लेने के कारण संस्कृत की पढ़ाई बंद कर दी गयी है।
उन्नाव जिले का एक छोटा कस्बा है शुक्लागंज, जिसकी सीमायें कानपुर से बिल्कुल सटी हुई है। यहां गंगा नदी के किनारे गंगाघाट के पास दो मदरसे है पहला मदरसा नियाजुल उलूम निस्वा तथा दूसरा दारूल उलूम जियाउल इस्लाम मदरसा। इन दोनो मदरसों में कोई धर्म की दीवार नही है। यहां पढ़ने वाले छात्र और पढाने वाले शिक्षक मुस्लिम और हिन्दू दोनों धर्मो के हैं।
सरकारी मान्यतालेकिन सहायता नहीं
मदरसे नियाजुल उलूम निस्वा में करीब 250 बच्चे पढ़ते हैं, इसमें से करीब 30 बच्चे हिन्दू हैं। इनको पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक हैं जिसमें से सात हिन्दू हैं। इनमें कई हिंदू अध्यापिकायें भी शामिल है तथा पांच मुसलमान शिक्षक हैं। मदरसे को सरकार से मान्यता मिली हुई है, लेकिन सरकारी सहायता नही मिलती। लेकिन स्थानीय लोगों से मदद मिलती है और मदद देने वालों में हिन्दू मुसलमान दोनो शामिल हैं। मदरसा दारूल उलूम जियाउल इस्लाम में करीब 450 छात्र -छात्राएं है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, कौन सी भाषा सिखाई जाती है-
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