खुशखबरीः हिंदी माध्यम के छात्र अब नहीं होंगे परेशान, मेडिकल की किताबें अब मिलेगी हिंदी में
अंग्रेजी में छपने वाली एमबीबीएस की किताबें हिन्दी मीडियम के छात्रों के लिए परेशानी का सबब रही हैं।

इंदौर. अंग्रेजी में छपने वाली एमबीबीएस की किताबें हिन्दी मीडियम के छात्रों के लिए परेशानी का सबब रही हैं, लेकिन अब मेडिकल की किताबों का हिन्दी में अनुवाद होगा। मेडिकल शब्दावली भी तैयार हो रही है। हिन्दी में एमबीबीएस की पहली किताब निकालने का र्शेय एमजीएम मेडिकल कॉलेज को मिल सकता है।
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पीएमटी जैसी कठिन परीक्षा आसानी से पास करने वाले अनेक छात्र अंग्रेजी किताबों की वजह से एमबीबीएस के पहले और दूसरे प्रोफ में असफल हो जाते हैं। छात्रों की परेशानियों को दूर करने के लिए हिन्दी ग्रंथ अकादमी और हिन्दी भाषी क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों ने प्रयास शुरू किए हैं। उम्मीद है कि एक साल के भीतर हिन्दी में एमबीबीएस कोर्स की पहली किताब आ जाएगी।
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हिन्दी अनुवाद में सबसे ज्यादा परेशानी शब्दावली को लेकर आ रही है। भारत सरकार मेडिकल शब्दावली तैयार करवा रही है। शब्दावली में मेडिकल टेक्निकल और साइंटिफिक शब्दों को वैसा ही रखा जाएगा, सिर्फ एक्सप्रेशन बदला जाएगा। उदाहरण के लिए आंखों के कार्निया को हिन्दी में भी कार्निया ही लिखा जाएगा। इसी तरह कार्निया की परतों के नाम भी वैसे ही लिखे जाएंगे।
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हिन्दी भाषी क्षेत्र के कॉलेजों को जिम्मेदारी देश में 200 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें 75 हिन्दी भाषी क्षेत्रों में हैं। हिन्दी क्षेत्र के हर एक कॉलेज को मेडिकल के एक सब्जेक्ट की एक किताब के हिन्दी अनुवाद की जिम्मेदारी मिलेगी। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इसे लेकर तैयारी शुरू हो गई है।
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