मध्य प्रदेश: उर्जा विभाग ने बनाई समग्र विकास के लिए एक्शन प्लान, 64 हजार मिलियन यूनिट बिजली
प्रदेश में वर्तमान में 15 हजार 400 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है।

जबलपुर. मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश के समग्र विद्युत विकास हेतु वर्ष 2015-16 की एक कार्य योजना तैयार की गई है। यह कार्य योजना का उद्देश्य प्रदेश के सभी नागरिकों को रोशनी हेतु 24 घंटे और कृषक कार्य हेतु 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण, सतत् व विश्वसनीय बिजली आपूर्ति है।
इस कार्य योजना में वित्तीय-वर्ष 2015-16 की चारों तिमाही के लिए बिजली आपूíत, सुदृढ़ ट्रांसमिशन सिस्ट्म, नई ट्रांसमिशन लाईनों का नेटवर्क, विद्युत वितरण के लिए सुदृढ़ सब-ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम हेतु नए 33/11 केवी ट्रांसफार्मरों की स्थापना व ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि, नई उच्चदाब लाइनों व एबी केबल्स का निर्माण, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों की स्थापना और कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों को नए स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने जैसे कार्य प्रमुख हैं।
कार्य योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों को पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक राजस्व वसूली के साथ पिछले वर्ष की तुलना में 2 प्रतिशत एटीएंडसी लॉसेस (समग्र तकनीकी व वाणिज्यिक हानि) को कम करने का लक्ष्य भी दिया गया है। एमपी पावर मैनजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक व तीनों विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष संजय कुमार शुक्ल ने कहा कि कार्य योजना के निर्धारित लक्ष्यों को अर्जति करने के लिए सभी बिजली कंपनियां दृढ़ संकल्पित हैं।
64 हजार 261 मिलियन यूनिट बिजली आपूíत करने का लक्ष्य
प्रदेश में वर्तमान में 15 हजार 400 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए वित्तीय-वर्ष में 2015-16 में प्रदेश में कुल 64 हजार 261 मिलियन यूनिट बिजली आपूíत करने का लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय-वर्ष की पहली तिमाही में प्रदेश में 14 हजार 783 मिलियन यूनिट, दूसरी तिमाही में 15 हजार 411 मिलियन यूनिट, तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर तक) रबी सीजन में 17 हजार 353 मिलियन यूनिट और आखिरी तिमाही में 16 हजार 714 मिलियन यूनिट बिजली आपूíत करने का लक्ष्य कार्य योजना में रखा गया है।
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