एक जनवरी से बैंक सेवाएं होंगी महंगी, देना पड़ेगा अतिरिक्त सेवाकर
निजी क्षेत्र के अधिकांश बैंकों ने सेवा दरों में इजाफा कर दिया है।

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haribhoomi.comCreated On: 30 Dec 2015 12:00 AM GMT
ग्वालियर. एक जनवरी से बैंकों की सेवाएं महंगी होने वाली हैं। सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के अधिकांश बैंकों ने सेवा दरों में इजाफा कर दिया है। दरों में इजाफा करने वालों में देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई सबसे आगे है। यानी ग्राहक अब महंगी बैंक सेवाओं के साथ ही सेवाकर की भी अतिरिक्त मार झेलने के लिए तैयार रहें। स्टेट बैंक नवंबर 2014 में पहले भी दरों में इजाफा कर चुका है।
प्रोसेसिंग शुल्क
बैंक लॉकर सुविधा, एटीएम लेनदेन, सभी तरह के ऋणों की प्रोसेसिंग का शुल्क लेते हैं। भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधन बढ़ी दरों की सूची बैंक शाखाओं में भेज भी चुके हैं। अन्य बैंकों में भी सेवाओं में महंगाई का करंट जनवरी आखिर तक लगना तय है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक आनलाइन बैंकिंग में तेजी आई है। ऐसे में मैनुअल काम कम हो गए हैं। दरों में इजाफे के बाद भी बैंक ग्राहकों को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। बैंक प्रबंधन शाखाओं के खचरें के एवज में सेवाओं पर मामूली चार्ज लेते हैं। शहरी क्षेत्र में 15 से 35 फीसदी, अर्धशहरी व ग्रामीणांचल में 5 से 19 फीसदी तक दरों में इजाफा किया गया है। (केएस शर्मा, बैंक इंप्लाइज एसोंसिएशन)
पैन का उल्लेख जरूरी
परिपत्र में कहा गया है, थर्ड पार्टी या तीसरे पक्ष से कुछ खास प्रकार से परिचालकों के लिए सूचना जुटाने के लिए ऐसे परिचालकों के लिए आयकर अधिनियम के तहत पैन का उल्लेख करना जरूरी है, जहां परिचालन एक निश्चित सीमा पार कर गया है। जिनके पास पैन नहीं है उन्हें एक फार्म भरना पड़ेगा और अपनी पहचान बताने के लिए कोई एक दस्तावेज देना होगा।
मोबाइल वॉलेट में पैन नंबर का उपयोग अनिवार्य!
नए साल से आपके मोबाइल वॉलेट या बटुए के लिए कुछ तकनीकी परेशानी पेश आ सकती है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार 1 जनवरी 2016 से पेटीएम, फ्रीचार्ज, मोबिक्विक आदि के मोबाइल वॉलेट इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को सालाना 50,000 रुपए से अधिक के किसी भी परिचालन पर स्थायी खाता संख्या पैन का उल्लेख करना होगा। एक मोबाइल वॉलेट कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, इस परिपत्र का मतलब यह है कि अगर कोई उपभोक्ता हरेक महीने वॉलेट से 10,000 रुपए खर्च कर रहा है तो पांचवां महीना बीतने के बाद उसे पैन बताना होगा। ऐसा नहीं करने पर हमें उसके वॉलेट को रोकना होगा। सरकार ने परिपत्र में कहा है कि काले धन का संचार करने और कर आधार बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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