डिस्कवरी में दिखेगा बैगाओं का टैटू, अमेरिका के दार्शनिक ने की मुलाकात
बैगाओं के टैटू व उनकी संस्कृति को पहचान दिलाने के लिए अमेरिका के कालरेस कॉल ने डिंडोरी के बैगाचक का भ्रमण किया।

X
haribhoomi.comCreated On: 13 Jun 2015 12:00 AM GMT
डिंडौरी. बैगाओं के टैटू व उनकी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए अमेरिका के कालरेस कॉल ने डिंडोरी के बैगाचक का भ्रमण किया। कालरेस ने बताया कि वे एक दार्शनिक हैं, जो अनेक देशों में पहुंचकर मानव जीवन के अध्ययन पर कार्यक्रम बनाते हैं। इनके द्वारा बनाए गए कार्यक्रम अब तक अनेक चैनलों में दिखाए जा चुके हैं।
उन्होंने स्थानीय लोगों और जानकारों से चर्चा कर कार्यक्रम बनाने के लिए इसी वर्ष शीत ऋतु के समय का चयन किया है। बैगाओं पर बनाई गई शॉर्ट रिपोर्ट के एक अंतरराष्ट्रीय चैनल डिस्कवरी द्वारा स्वीकृत कर देने पर प्रसारण की बात कही है।
डिंडौरी जिला आदिवासी परम्पराओं खासतौर से प्रथम मानव कहे जाने वाले बैगा के लिए प्रसिद्ध है। यहां ब्रिटिशकाल के पहले से ही अनेक विदेशी सैलानी और मानवशास्त्री बैगाओं के बारे में जानने आते रहे हैं।
डॉ. वेरियल एल्विन और डॉम मोरिसस जैसे महान मानवशास्त्रियों ने बैगाचक में रहकर अनेक तरह की रिपोर्ट्स तैयार की है। जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित भी किया जा चुका है। बैगाचक भ्रमण के दौरान कालरेस छायाकार विनोद कांसकार के साथ बैगाओं से सीधी बात करने बैगाचक पहुंचे। न्होंने बैगाओं की पौराणिक परम्पराओं और संस्कृति को करीब से जानने की कोशिश की है।
कालरेस के मुताबिक वे जल्द ही जिले की बैगा संस्कृति के गोदना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित करने की तैयारी कर लेंगे।उन्होंने बताया कि बैगाचक के गांव का नजारा स्वर्ग जैसा है। यहां की संस्कृति से मैं बहुत प्रभावित हूं।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, पूरी खबर-
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्ट पर-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story