असुरक्षित सेक्स से पुरुषों पर एड्स का बड़ा खतरा, एमपी में 6 साल में 32 हजार शिकार
प्रदेश में इंदौर की गिनती एड्स के फैलाव के लिहाज से सबसे संवेदनशील स्थानों में होती है।

इंदौर. प्रदेश में पुरुषों पर एड्स का अपेक्षाकृत बड़ा खतरा बरकरार है। प्रदेश में पिछले करीब छह सालों के दौरान एड्स के 31 हजार 966 मरीज पता चले, जिनमें लगभग 60.50 फीसद पुरुष हैं। जानकारों का कहना है कि इस रुझान की सबसे बड़ी वजह पुरुषों का असुरक्षित यौन संबंध बनाना है।
प्रदेश में इंदौर की गिनती एड्स के फैलाव के लिहाज से सबसे संवेदनशील स्थानों में होती है। शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरलथेरेपी (एआरटी) सेंटर के प्रभारी डॉ. शिवशंकर शर्मा ने रविवार को कहा कि प्रदेश के पुरुषों में एड्स के अपेक्षाकृत अधिक फैलाव का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध ही है।
उन्होंने कहा कि वैसे देशभर में यही रुझान सामने आता है कि एड्स संक्रमण का शिकार होने के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से कहीं अधिक है। इसकी वजह यह है कि अधिकतर पुरुषों में एक से अधिक साथी के साथ यौन संबंध रखने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है।
प्रदेश एड्स नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2008 से अक्टूबर 2014 के बीच सूबे में 36 लाख 22 हजार 829 लोगों में एड्स की जांच की गई, जिनमें से 31 हजार 966 लोग एचआईवी पॉजीटिव पाए गए। इनमें 19 हजार 344 पुरुष और 12 हजार 506 महिलाएं थीं, जबकि 116 तीसरे लिंग से ताल्लुक रखते थे। प्रदेश में एड्स का पहला मामला वर्ष 1988 में सामने आया था।
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