व्यापमं परीक्षा नियंत्रक व डीएफओ अवमानना मामले में तलब
उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नौकरी प्रदान नहीं करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एस के सेठ व न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यांकर की युगलपीठ ने व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के परीक्षा नियंत्रक व वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) छिंदवाड़ा को तलब किया है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 24 Oct 2018 7:16 AM GMT
उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नौकरी प्रदान नहीं करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एस के सेठ व न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यांकर की युगलपीठ ने व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के परीक्षा नियंत्रक व वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) छिंदवाड़ा को तलब किया है।
याचिकाकर्ता वर्षा साहू की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2017 में फॉरेस्ट गॉर्ड की भर्ती के लिए जिला स्तर पर व्यापमं ने परीक्षा का आयोजन किया था।
उसने छिंदवाड़ा जिले से सामान्य श्रेणी की अभ्यर्थी के तौर पर परीक्षा दी थी। उसने अपने फार्म में भी पिछड़ा वर्ग की बजाय सामान्य वर्ग लिखा था।
परीक्षा में उसके अधिक अंक होने के बावजूद भी कम अंक प्राप्त करने वाली छात्रा को नौकरी प्रदान कर दी गयी। इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसकी सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने दिसम्बर 2017 में दो माह के अंदर नौकरी प्रदान करने का आदेश जारी किया था।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पराग चतुर्वेदी ने बताया कि निर्धारित समय सीमा गुजर जाने के बावजूद न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हुआ तो उक्त अवमानना याचिका दायर की गयी।
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि कई अवसर दिये जाने के बावजूद भी अनावेदकों ने उसके आदेश का पालन नहीं किया।
इसे गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों परीक्षा नियंत्रक, व्यापमं व वन मंडलाधिकारी, छिंदवाड़ा को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। याचिका पर सुनवाई 26 नवम्बर 2018 को निर्धारित की गयी है।
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