लोकायुक्त पुलिस का खुलासाः नगर निकाय कर्मचारी की भ्रष्टाचार से बनायी बेहिसाब संपत्ति बढ़कर 5 करोड़ तक पहुंची
लोकायुक्त पुलिस ने खुलासा किया कि छापों के बाद जारी मूल्यांकन के दौरान नगरीय निकाय के कर्मचारी की कथित भ्रष्टाचार से बनायी बेहिसाब संपत्ति बढ़कर लगभग पांच करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गयी है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 8 Aug 2018 6:46 AM GMT
लोकायुक्त पुलिस ने खुलासा किया कि छापों के बाद जारी मूल्यांकन के दौरान नगरीय निकाय के कर्मचारी की कथित भ्रष्टाचार से बनायी बेहिसाब संपत्ति बढ़कर लगभग पांच करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गयी है।
इस चतुर्थ श्रेणी कारिंदे और उसके नजदीकी परिजनों के 16 बैंक खातों में पिछले तीन साल में करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का लेन-देन के सबूत भी मिले हैं। लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर नगर निगम के बेलदार (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) असलम खान के पांच ठिकानों पर कल छापे मारकर उसकी बेहिसाब संपत्ति का भंडाफोड़ किया था।
लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "हमारे अब तक के मूल्यांकन के मुताबिक खान की संपत्ति का वास्तविक मूल्य लगभग पांच करोड़ रुपये है। इस मिल्कियत की कीमत वैध जरियों से आरोपी की आय के मुकाबले कहीं ज्यादा है।"
उन्होंने बताया कि खान वर्ष 1998 में नगर निगम में महज 500 रुपये के मासिक वेतन पर भर्ती हुआ था। फिलहाल निगम से उसे हर महीने 18,000 रुपये का वेतन मिलता है।
डीएसपी ने बताया कि खान, उसकी मां, पत्नी और तीन बेटियों के नाम पर खोले गये 16 बैंक खातों में वर्ष 2015 से लेकर अब तक करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के लेन-देन के सबूत मिले हैं। इन खातों में कुल मिलाकर लगभग 16 लाख रुपये जमा पाये गये हैं।
बघेल ने बताया कि इन खातों में से 15 खाते एक्सिस बैंक की सपना-संगीता रोड स्थित शाखा में हैं, जबकि एक अन्य खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नगर निगम परिसर स्थित शाखा में खोला गया था।
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि खान परिवार जान-बूझकर छोटी-छोटी रकमों को किसी एक बैंक खाते से अन्य खाते में पहुंचाता था, ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शक न हो।
बघेल ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को संदेह है कि स्थानीय बिल्डरों से लम्बे समय तक भ्रष्ट साठ-गांठ के चलते नगर निगम कर्मचारी ने करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है। इस सिलसिले में जांच की जा रही है।
इस बीच, इंदौर नगर निगम के आयुक्त आशीष सिंह ने बताया कि नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त गुलशन बामरा को पत्र लिखकर सिफारिश की गयी है कि खान को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाये।
उन्होंने बताया कि अलग-अलग गड़बड़ियों के कारण खान गुजरे बरसों में तीन बार निलंबन की कार्रवाई भी झेल चुका है। हालांकि, कल लोकायुक्त पुलिस के छापों के दौरान वह बेलदार के अपने पद पर काम कर रहा था।
डीएसपी बघेल ने बताया कि छापों के दौरान खान के घर से बरामद नकदी जब गिनी गयी, तो इसका मूल्य 26 लाख रुपये निकला। इसके अलावा, उसके ठिकानों से सोने के 11 बिस्किट और इस पीली धातु के बेशकीमती जेवरात बरामद किये गये जिनका कुल वजन लगभग दो किलोग्राम बैठता है। इन स्थानों से चांदी का करीब एक किलोग्राम वजनी सामान भी मिला।
बघेल ने बताया कि खान के ठिकानों से करीब एक करोड़ रुपये मूल्य का घरेलू सामान मिला। नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अशोका कॉलोनी स्थित अपने घर की दूसरी मंजिल पर भव्य होम थियेटर बना रखा था जो किसी छोटे-मोटे सिनेमाघर की तरह नजर आता है।
डीएसपी ने बताया कि खान और उसके परिवार की 21 अचल सम्पत्तियों के बारे में भी विस्तृत जांच जारी है जिनमें भूखंड, कृषि भूमि, दुकान, निजी दफ्तर और मकान शामिल हैं। ये संपत्तियां इंदौर, रतलाम और देवास जिलों में हैं।
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