छात्रा ने नहीं किया होमवर्क, तो टीचर ने साथी छात्राओं से लगवाए 168 थप्पड़
मध्य प्रदेश में एक शासकीय आवासीय स्कूल में 12 साल की छात्रा के साथ टीचर ने दुर्व्यवहार किया।

मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के एक शासकीय आवासीय स्कूल में 12 साल की छात्रा के साथ टीचर ने दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि होमवर्क न करने पर टीचर ने सजा के तौर पर क्लास की ही छात्राओं से 6 दिनों तक छात्रा को 168 थप्पड़ लगवाए। जिसके बाद पीड़ित छात्रा के पिता ने इसकी शिकायत प्राचार्य से लिखित में की है।
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क्या है मामला
जिला मुख्यालय से करीब 34 किमी. दूर थांदला तहसील मुख्यालय पर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में 6वीं कक्षा की छात्रा अनुष्का सिंह के पिता शिवप्रताप सिंह ने स्कूल में हुई घटना की शिकायत तीन दिन पहले संस्था के प्राचार्य से की है।
शिकायती पत्र में पीड़िता के पिता ने लिखा कि उनकी बेटी कुछ दिनों से बीमार चल रही थी और इलाज के लिए रोज उसे अस्पताल ले जाना पड़ता था। इसी वजह से वह होमवर्क करने में पीछे रह गई।
पीड़िता ने परिवार को बताई आपबीती
पीड़ित छात्रा के पिता के मुताबिक, बीमारी के बाद स्कूल जाने पर 11 जनवरी को होमवर्क पूरा नहीं कर पाने की वजह से विज्ञान विषय के टीचर मनोज कुमार वर्मा ने अनुष्का के गालों पर उसकी ही क्लास की 14 लड़कियों से 11-16 जनवरी तक (6 दिन) रोज 2-2 थप्पड़ लगवाए।
इसके कारण उनकी बेटी मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होकर दहशत की वजह से फिर से बीमार हो गई। जब परिजनों ने पूछा तो छात्रा ने परिजनों को आपबीती बताई।
पीड़िता के पिता के मुताबिक, टीचर की इस हरकत की वजह से छात्रा बहुत डरी हुई है और अब स्कूल नहीं जाना चाहती। फिलहाल, उसका इलाज थांदला के सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
मामले को लेकर थांदला पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक एसएस बघेल ने बताया कि छात्रा के पिता से इस मामले में शिकायत मिली है। मेडिकल जांच में छात्रा को चोट नहीं लगी है लेकिन अन्य छात्राओं से पूछताछ पर घटना की पुष्टि हो गई है। उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। अभी कोई केस दर्ज नहीं किा गया है।
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टीचर का बचाव
वहीं इस मामले पर विद्यालय के प्राचार्य के. सागर ने आरोपी टीचर का बचाव करते हुए इसे एक फ्रेंडली सजा बताया और कहा, 'जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं उन्हें विद्यालय नियमों के तहत टीचर सजा नहीं दे सकते। बच्ची के सुधार के लिए टीचर ने उसे ऐसी सजा दी। फिर भी हम इस मामले को देखते हुए अभिभावकों से इस बारे में बात करेंगे।
वहीं जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। वो इसे देखेंगे फिर आगे कोई कार्रवाई की जाएगी।
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