सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला, बलात्कार- हत्या मामले में दोषी की फांसी पर लगाई रोक
उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में गत वर्ष 11 वर्षीय लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या करने के जुर्म में मौत की सजा पाये एक दोषी को फांसी देने पर रोक लगा दी है।

उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में गत वर्ष 11 वर्षीय लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या करने के जुर्म में मौत की सजा पाये एक दोषी को फांसी देने पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा की एक पीठ ने इसके साथ ही मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी करके दोषी भगवानी की ओर से दायर अपील पर जवाब मांगा है।
भगवानी ने राज्य के उच्च न्यायालय के गत नौ मई के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा उसे सुनायी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता (भगवानी) को फांसी देने पर रोक रहेगी।
उच्च न्यायालय से मूल रिकार्ड मंगाने दीजिये। भगवानी के अलावा उच्च न्यायालय ने मामले में एक अन्य दोषी सतीश को निचली अदालत द्वारा सुनायी गई मौत की सजा को भी बरकरार रखा था।
पुलिस के अनुसार दोनों ने नाबालिग लड़की से गत वर्ष 14 अप्रैल की रात में बलात्कार किया था और उसके बाद उसकी हत्या कर दी थी। लड़की का शव अगली सुबह मिला था।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि दोनों आरोपियों का घटना से एक दिन पहले मृतका के पिता से वादविवाद हुआ था। घटना के बाद दोनों गांव से फरार हो गए।
उन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया। निचली अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। उच्च न्यायालय ने इस सजा की पुष्टि की। दोनों ने ही खुद को बेकसूर बताया।
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