मध्यप्रदेशः चार वर्ष की बच्ची के बलात्कार और हत्या के दोषी की फांसी की सजा पर रोक
उच्चतम न्यायालय ने चार साल की बच्ची के बलात्कार एवं हत्या के दोषी 22 साल के एक शख्स की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 19 Sep 2018 5:59 AM GMT
उच्चतम न्यायालय ने चार साल की बच्ची के बलात्कार एवं हत्या के दोषी 22 साल के एक शख्स की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर एवं डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को मामले के मूल दस्तावेज मांगे और निर्देश दिया कि, “अपीलार्थी को सुनाई गई मौत की सजा के अमल पर रोक लगाई जाए।” यह आदेश उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर मंगलवार को अपलोड किया गया।
दोषी करार दिए गए मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के निवासी विनोद उर्फ राहुल चौहट्टा ने नाबालिग से बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की सजा को बरकरार रखने के उच्च न्यायालय के आठ अगस्त के फैसले को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
मौत की सजा बरकरार रखते हुए उच्च न्यायालय ने देखा कि इस तरह के अपराध करने वाले अपराधियों को मानवता के नाम पर सजा से राहत देने को लेकर राज्य का रुख “नरम” नहीं था।
उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने अपने आदेश में कहा था, “ऐसे अपराधियों के हाथों में मानवता को अधिक खतरा है। हमने देखा कि अपीलार्थी (विनोद) के पक्ष में अपराध की गंभीरता को कम करने वाली कोई परिस्थिति नहीं है।” शहडोल जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने 28 फरवरी को विनोद को मौत की सजा सुनाई थी।
उसने 13 मई 2017 को बच्ची को बिस्कुट का लालच देकर उससे बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। बच्ची की लाश झाड़ियों में मिली थी।
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