जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं इस गांव के बच्चे, एक दूसरे का हाथ पकड़कर देते हैं सहारा Watch Video
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भैसदेही तहसील के भीमपूर ब्लाक के बच्चे भी जान हथेली पर लेकर एक दूसरे को सहारा देते हुए उफनती नदी को पार कर स्कूल जाते हैं।

आज भले ही देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू है, लेकिन दूर दराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। कहीं बच्चे तैरकर नदी को पार करते हुए स्कूल पहुंचते हैं तो कहीं एक दूसरे को हाथ पकड़कर सहारा देते हुए। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भैसदेही तहसील के भीमपूर ब्लाक के बच्चे भी जान हथेली पर लेकर एक दूसरे को सहारा देते हुए उफनती नदी को पार कर स्कूल जाते हैं।
दरअसल, बैतूल जिले के भैसदेही तहसील के भीमपूर ब्लाक के उत्ती स्कल के बच्चे गोर्खीढाना के बच्चे अपनी जान को जोखिम डालकर नदी पार कर स्कूल जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया बच्चों के स्कूल और शहर जाने का यही एक मात्र रास्ता है। कई बार जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। करीब 40 से 50 गोर्खीढाना के बच्चे रोज स्कूल जाते हैं इसमें अधिकतर 6 से 12 साल तक के बच्चे हैं। पढ़ाई भी जरूरी है इसलिए मजबूरी में इस तरह जाने को मजबूर हैं।
परेशानी की बात यह है कि स्कूल जाते समय रास्ते में नदी पड़ती है। इसे पार करके बच्चों को स्कूल में जाना पड़ता है। नदी में पानी का बहाव आता है तो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। गांव के लोग पानी आने के कारण अपने कामों को भी नहीं कर पाते। पानी का बहाव जब और ज्यादा होता है तो बाकी गांवों से कनेक्टीविटी भी टूट जाती है। बरसात कम होती है और नदी में पानी का बहाव कम होने के बाद ही यहां के लोग घर से बाहर निकलते हैं। इस वीडियो को देख कर आप अंदाजा लगा सकते है कि स्कूली छात्र छात्राएं किस तरह भारी बरसात में उफलती नदी को बच्चे एक दूसरे का हाथ पकड़ कर पर कर रहे हैं।
Betul News,
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