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59 के हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान, अनाथालय में बच्चों के साथ मनाया जन्मदिन

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान आज अनाथालय के बच्चों के साथ अपना जन्म दिवस मना रहे हैं।

59 के हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान, अनाथालय में बच्चों के साथ मनाया जन्मदिन
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मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल स्थित एक अनाथालय में बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। शिवराज सिंह आज 59 साल के हो गए हैं।

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सीएम शिवराज बच्चों से बेहद प्यार करते हैं और समय-समय पर अनाथालय के बच्चों से मिलने जाते रहते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने दी जन्म दिवस की बधाई।

जानें कैसा था शिवराज का किसान से सीएम तक का सफर

शिवराज का जन्म 5 मार्च 1959 में मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत नामक छोटे से गांव के किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनमें संघर्ष और लोगों के हक के लिए लड़ने का हुनर था।
गांव के बच्चों के पास नर्मदा नदी में तैरने के आलावा मनोरंजन का कोई दूसरा साधन नहीं था। शिवराज शर्त लगाकर नर्मदा नदी पार करने में माहिर थे। आज भी जब भी शिवराज इस गांव में आते हैं तो शर्त लगाकर तो नहीं लेकिन नर्मदा की गोद में छलांग लगाकर अपने बचपन की यादों को जरूर ताजा करते हैं।

भोपाल में पूरी की शिक्षा

शिवराज ने सिर्फ चौथे दर्जे तक ही गांव में शिक्षा हासिल की। उसके बाद शिवराज चाचा के पास भोपाल आ गए जहां उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा शुरू की, लेकिन उनका गांव के प्रति लगाव बहुत था जिस कारण मौका मिलने पर वह बार-बार गांव जाते थे। गांव शिवराज के लिए नेतागीरी की पहली पाठशाला था। शिवराज बचपन से ही गांव में नुक्कड़ सभाएं लगाया करते थे।

परिवार के खिलाफ जाकर किया था पहला आंदोलन

बचपन में ही शिवराज ने अपने ही परिवार के खिलाफ जाकर मजदूरों के हक में पहला आंदोलन किया। शिवराज के अंदर छिपे नेता को कम उम्र में ही उनके अपने गांव की गलियों में ही बाहर आने का मौका मिल गया। मजदूरों की मजदूरी बढ़ाए जाने के लिए उन्होंने अपने घरवालों के खिलाफ जाकर विद्रोह कर दिया।
जिसके बाद मजदूरों की मजदूरी तो बढ़ गई, लेकिन बदले में शिवराज को घरवालों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। लेकिन तब तक तो वे मजदूरों के नेता बन चुके थे। शिवराज को घऱ वालों से पशुओं का गोबर उठाने और चारा डालने की सजा मिली। परिवार को शिवराज के भविष्य की चिंता सताने लगी।

मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में सीखा राजनीति का क, ख ,ग

शिवराज के चाचा चैन सिंह को चैन तब आया जब शिवराज को 1974 में नौवें दर्जे के लिए मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला मिल गया। मॉडल हाईस्कूल के आईने को देखकर कभी शिवराज सिंह बाल संवारकर बच्चों के बीच निकलते थे।
राजनीति का क ख ग शिवराज ने मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में ही सीखा जिनमें उनके भाषण से लेकर नेतागिरी के तमाम किस्से शामिल हैं।

शुरुआती हार के बाद मिला था जीत का स्वाद

शुरुआती समय में शिवराज ने दसवीं में स्टूडेंट कैबिनेट के सांस्कृतिक सचिव का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का मूंह देखना पड़ा। लेकिन कहते हैं न 'हार कर जीतने वाले को ही सिकंदर कहते हैं।'
ठीक एक साल बाद 11वीं क्लास में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा। उसमें शिवराज सिंह चौहान ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश के एक बड़े नेता बनने की ये स्कूल ही बुनियाद बना। जिसके बाद शिवराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2006 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उभर कर देश की जनता के सामने आए।

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