पद्मावत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी शिवराज सरकार, कहा-मध्यप्रदेश में नहीं होगी रिलीज
मध्यप्रदेश सरकार ने आज रात संकेत दिये कि वह 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही विवादास्पद फिल्म ''पद्मावत'' का सूबे में प्रदर्शन रुकवाने के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

मध्यप्रदेश सरकार ने आज रात संकेत दिये कि वह 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही विवादास्पद फिल्म 'पद्मावत' का सूबे में प्रदर्शन रुकवाने के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
चौहान से यहां एक कार्यक्रम के बाद मीडिया ने पूछा कि चूंकि शीर्ष अदालत ने अपने हालिया आदेश में देश भर में इस फिल्म के परदे पर उतरने का रास्ता साफ कर दिया है। लिहाजा अब इस मामले में राज्य सरकार का क्या रुख है। इस पर मुख्यमंत्री ने विस्तृत जानकारी दिये बगैर कहा कि हम फिर उच्चतम न्यायालय की शरण में जायेंगे।
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राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान शिवराज ने गत 20 नवम्बर को घोषणा की थी कि 'पद्मावत' को प्रदेश में प्रदर्शित होने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
हार पर बोले शिवराज
प्रदेश के 19 स्थानीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस के सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर देने के बारे में पूछे जाने पर शिवराज ने कहा कि हम चुनाव परिणामों का विश्लेषण करेंगे। लेकिन इन चुनावों में हमने पीथमपुर, कुक्षी और डही में कांग्रेस की कुछ परंपरागत सीटें छीनी हैं। उन्होंने कहा कि धार नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में हम केवल 150 वोटों से पराजित हुए हैं।
छात्र की मौत पर भी बोले
धार के साथ मनावर और धरमपुरी में हमारी ही पार्टी के बागी उम्मीदवारों के चुनावों में खड़े होने के कारण हमारे खिलाफ मत विभाजन हुआ है। इंदौर में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की बस के भीषण हादसे के मामले में मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट आने में देरी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, "इस मामले में प्रदेश सरकार किसी के दबाव में नहीं है। मेरी इस मामले को लेकर आज ही जिला प्रशासन से चर्चा हुई है।
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