व्यापमं घोटालाः जानिए सुप्रीम कोर्ट के जज ने ऐसा क्यों कहा कि "क्या हम महिला जजों से कहें कि वह शादी करना छोड़ दें?"
सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम घोटाले के आरोपी डॉ कृष्ण कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि इसका कसूर ये है कि यह एक महिला जज का पति है। व्यापम घोटाले में अब तक 20 लोगों को जमानत मिल चुकी है।

'क्या हम महिला जजों से कहें कि वह शादी करना छोड़ दें?' यह वाक्या सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की सुनवाई के दौरान कहा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट व्यापम घोटाले के आरोपी डॉ कृष्ण कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहा था। इसी दौरान कोर्ट ने यह बात कही। सीबीआई ने आरोपी की जनामत का विरोध किया तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका कसूर ये है कि यह एक महिला जज का पति है।
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जज ने ऐसा क्यो कहा
दरअसल, सीबीआई ने व्यापम घोटाले में करीब 21 लोगों को हिरासत में लिया था। जिनमें डॉ कृष्ण कुमार भी शामिल थे। लेकिन सीबीआई ने 20 लोगों को यह कहकर जमानत दे दी कि मामले में ट्रायल शुरु होने में काफी समय लगेगा। लेकिन सीबीआई डॉ कृष्ण कुमार की जमानत का हमेशा से ही विरोध करती रही है।
सीबीआई के विरोध करने पर आरोपी कृष्ण कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। सुनवाई के दौरान जस्टिस गोगोई ने सीबीआई से पूछा कि इस केस में कितने आरोपी हैं। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में 21 आरोपी हैं।
इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि क्या बाकी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। इस पर सीबीआई का कहना था कि हाईकोर्ट ने इस आधार पर जमानत दी कि ट्रायल शुरु होने में अभी काफी वक्त लगेगा।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब उन 20 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है तो इसका क्या कसूर है।
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क्या इसका कसूर यह है कि इसकी पत्नी एक न्यायिक अधिकारी है। कोर्ट ने तर्क दिया कि समानता के आधार पर आरोपी को जमानत पाने का आधिकार है। कोर्ट ने आरोपी को 1 लाख रूपए के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी है। आपको बता दें कि डॉ कृष्ण कुमार 23 फरवरी 2018 से सीबीआई की हिरासत में हैं।
क्या है व्यापम घोटाला
व्यापम घोटाला मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षा से जुड़ा घोटाला है। इस घोटाले में अधिकारियों ने साठगांठ कर मेडिकल और इंजिनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए में बड़ा फर्जीवाड़ा किया था।
इस घोटाले का खुलासा साल 2013 में हुआ जब राज्य पुलिस ने एमबीबीएस की भर्ती परीक्षा में बैठे कुछ फर्जी छात्रों को गिरफ्तार किया। छात्र दूसरे छात्रों के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। इस मामले ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था।
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