बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य शुरू, अधकारियों- कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त
मप्र में बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन ने राहत और बचाव के कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। किसी भी प्रकार की जन-हानि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से संपर्क कर बाढ़ की स्थिति और लोगों की सुरक्षा के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी ली।

भोपाल। मप्र में बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन ने राहत और बचाव के कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। किसी भी प्रकार की जन-हानि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से संपर्क कर बाढ़ की स्थिति और लोगों की सुरक्षा के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिए है कि हर हाल में बाढ़ से निबटने के इंतजाम कराएं। फसलों तथा अन्य संपत्तियों की क्षति आकलन कर किसानों को समय पर मुआवजा दिया जा सके।
मंदसौर में बाढ़ की स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उज्जैन संभाग के कमिश्नर अजित कुमार, आईजी राजीव गुप्ता ने मंदसौर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा किया। उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की और राहत, बचाव कार्यों की जानकारी ली। गांधी सागर बांध में 1.24 लाख क्यूसेक पानी की आवक है। जबकि 6.52 लाख क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में 1316.04 फीट तक पानी बांध में भरा हुआ है। राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावितों के ठहरने, सोने, खाने और रोज के वस्त्र उपलब्ध करवाए जा रहे है। जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए उनकी तत्काल सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उन परिवारों को तत्काल 50 किलो गेहूं देने के निर्देश दिए गए हैं।
अधकारियों- कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त-
बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत और बचाव कार्यों को देखते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई है। उन्हें अपने पदस्थापना स्थान पर मौजूद रहने को कहा गया है। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए आधारभूत दवाइयां उपलब्ध कराने को क गया है। लोगों का चेकअप किया जा रहा है। स्वाईंन फ्लू, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से बचाव संबंधी सावधानियां बताई जा रही है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 24 घण्टे खुला रखा गया है। आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इलाज के लिए प्राथमिक उपचार की दवाइयां उपलब्ध करवाई गई है।
नि: शुल्क क्लोरीन की दवाइयां वितरित करने के निर्देश-
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने नि:शुल्क क्लोरीन की दवाइयां वितरित करना शुरू कर दिया है। पानी की जांच के लिए विकास खण्डवार दल बनाए गए हैं। तालाब, कुंए, ट्यूबवेल जैसे जल-स्रोतों की शुद्धता की जांच की जा रही है। पशुओं को भी बीमारी से बचाने के लिए आवश्यक उपाए किए गए हैं। टीकाकरण किया जा रहा है और पशुपालन विभाग के सभी चिकित्सकों को पशुओं के इलाज के लिए तैनात किया गया है। हर ब्लाक में पशुओं के इलाज के लिए अलग-अलग दल गठित किए गए हैं।
बारिश से हुए क्षति का सर्वे शुरू-
अति-वृष्टि से हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वे दल फसलों, मकानों आदि को हुई क्षति के आकलन में जुट गए हैं। आयुक्त उज्जैन संभाग ने निर्देशित किया है कि सात दिन के अंदर बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा राशि दी जाए। सभी अनुविभागीय, तहसीलदारों को सर्वे पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर मंदसौर ने आंगनवाड़ी और स्कूल भवनों का निरीक्षण करने को कहा है। क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में स्कूल और आँगनवाड़ी को सुरक्षित भवनों में लगाने के निर्देश दिए हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों के सर्वे का कार्य प्रारंभ हो गया है। सर्वे होते ही सड़कों की मरम्मत का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
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