बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा जैसे कानून से ही सीधे रास्ते पर लाना संभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में बच्चों के साथ बलात्कार करने वाले दोषियों के लिए फांसी की सजा दिए जाने के कानूनी प्रावधान के आलोक में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

मध्य-प्रदेश में नाबालिगों से बढ़ रहे रेप के मामलों पर केंद्र द्वारा दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की कवायद पर बोली मध्य-प्रदेश की महिला-बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस इस साल की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक आठ साल की नाबलिग बच्ची से गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना सामने आने के बाद पनपे जन आक्रोश से शुरु हुई केंद्रीय कानूनों को सख्त बनाने की प्रक्रिया को मध्य-प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने पुरजोर समर्थन दिया है।
उनका कहना है कि केंद्र सरकार के इस कदम से निश्चित तौर पर देश में बलात्कार जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। जो लोग सॉफ्ट तरीके से नहीं समझते हैं। उनपर सख्त कानून का ही असर होता है। हरिभूमि की संवाददाता कविता जोशी को दिए विशेष साक्षात्कार में उन्होंने यह जानकारी दी।
पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।
प्रश्न- सूबे से जुड़े एनएच-79 के आसपास परंपरा के नाम पर नाबालिग बच्चियों को देह व्यापार के लिए बेचे जाने के मामले में केंद्रीय डब्ल्यूसीडी मंत्रालय को कब तक रिपोर्ट सौंपी जाएगी?
उत्तर- राष्ट्रीय राजमार्ग-79 की घटना को लेकर राज्य सरकार भी बेहद चिंतित है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस बाबत प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है। मैं उनकी चिंता और भावनाओं का सम्मान करती हूं और यह कहना चाहूंगी कि हम जल्द से जल्द केंद्र को इस बाबत रिपोर्ट सौपेंगे। इसे लेकर मैं अभी कोई तय समयसीमा का ऐलान नहीं कर सकती हूं। यहां बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने उक्त घटना को लेकर एक निजी टीवी चैनल का वीडियो सामने आने के बाद बीते दो अगस्त को म.प्र. सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इसकी जानकारी उन्होंने अपने एक ट्वीट संदेश के जरिए सार्वजनिक की थी।
प्रश्न- राज्य में बढ़ रहे रेप के मामलों को लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
उत्तर- यह सही है कि राज्य में ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि यह मध्य-प्रदेश की ही सरकार है, जिसने संबंधित मामलों में कुछ दिनों के अंदर ही अपराधियों के खिलाफ फांसी की सजा सुनायी है। यह एक प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में बच्चों के साथ बलात्कार करने वाले दोषियों के लिए फांसी की सजा दिए जाने के कानूनी प्रावधान के आलोक में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। जिसे हमारे राज्य में बेहद गंभीरता से क्रियान्वित किया जा रहा है।
प्रश्न- इस तरह की घटनाओं पर सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रवैया कैसा है?
उत्तर- हमारे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विभाग को सीधा निर्देश है कि ऐसी किसी घटना को लेकर अगर कोई महिला प्रशासन के पास मामला दर्ज करवाने के लिए आती है तो तत्काल उसका केस दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा बलात्कार या किसी अन्य प्रकार की हिंसा या प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को भी मदद पहुंचाने के लिए सीएम ने पुलिस, थानों और वन स्टॉप सेंटरों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
प्रश्न- बच्चों से बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा के प्रावधान को आप कैसे देखती हैं?
उत्तर- केंद्र के इस कदम से निश्चित तौर पर ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी। जो लोग सॉफ्ट तरीके से नहीं समझते हैं। उनपर सख्त कानून का ही असर होता है। इसके जरिए सरकार ने समाज में यह संदेश देने की कोशिश की है कि केवल अपराध हुआ इसलिए अपराधी को दंडित नहीं करते। बल्कि अपराध रोकने के लिए भी अपराधी पर सख्त दंड आवश्यक है।
प्रश्न- लगातार बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं से राज्य की छवि खराब हुई है?
उत्तर- जिस प्रकार से इन घटनाओं के प्रति हमारे प्रशासनिक ढांचे और न्यायपालिका ने प्रभावकारी ढंग से काम किया है। वह हमारी प्रशासनिक प्रतिबद्धता और मामलों को लेकर गंभीरता को दर्शाता है। मध्य-प्रदेश राज्य ने ही रेप के दोषियों को फांसी की सजा देने में सवार्धिक तत्परता दिखायी है।
प्रश्न- इन घटनाओं पर रोक के लिए सूबे की सरकार कोई जनजागरण अभियान चलाएगी?
उत्तर- बलात्कार जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कड़े कानून बनाए जाने का प्रयास चल रहा है। लेकिन परिस्थितियों को बदलने के लिए परिवार का, समाज का और उन तमाम शैक्षणिक संस्थाओं का भी अहम योगदान है। जो हमारे आसपास मौजूद हैं। वर्तमान में हमें अपने परिवारों में नौजवानों को सही दिशा दिखाने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे।
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