मध्य प्रदेश: पद्मावत रिलीज को लेकर करणी सेना ने मचाया तांडव, किया चक्का जाम
निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ''पद्मावत'' के रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर करणी सेना के सदस्यों ने सोमवार को मध्य प्रेदश में कुछ मार्गों को जाम किया, जिन्हे बाद में पुलिस ने खुलवा दिया।

निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' के रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर करणी सेना के सदस्यों ने सोमवार को मध्य प्रेदश में कुछ मार्गों को जाम किया, जिन्हे बाद में पुलिस ने खुलवा दिया।
राजपूत समाज के संगठन करणी सेना के सदस्यों ने फिल्म पद्मावत की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर उज्जैन-नागदा, उज्जैन-देवास और उज्जैन-कोटा मार्ग पर टायर जला दिये। इससे इन मार्गो पर यातायात जाम हो गया।
पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने बताया कि चक्का जाम को खुलवा दिया गया है। प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लिया गया है तथा उन्हें कानून हाथ में नहीं लेने की समझाइश देकर छोड़ दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने हिंसा की किसी भी घटना से इंकार किया है।
उच्चतम न्यायालय ने पद्मावत रिलीज का रास्ता किया साफ
उन्होंने कहा कि सड़कों पर अवरोधों को हटाकर जाम खोल दिया गया है। जहां भी कानून एवं व्यवस्था को तोड़ने की जो भी कोशिश करेगा उसे कानूनन कार्रवाई कर रोका जायेगा। मालूम हो उच्चतम न्यायालय ने पद्मावत की देश में 25 जनवरी को होने वाली रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है।
इस बीच, राजस्थान और मध्यप्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर कर आज उससे अनुरोध किया है कि विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज से जुड़े अपने 18 जनवरी के फैसले को वह वापस ले लें। न्यायालय के 18 जनवरी के फैसले के आधार पर 25 जनवरी को पूरे देश में फिल्म प्रदर्शित करने की अनुमति मिल गयी है।
न्यायालय के आदेश में संशोधन की मांग
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ ने फिल्म के प्रदर्शन से जुड़े न्यायालय के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली दोनों राज्यों की अंतरिम अर्जी पर सुनवाई के लिए कल की तारीख मुकर्रर की है।
राज्यों ने दावा किया है कि सिनेमैटोग्राफ कानून की धारा 6 उन्हें कानून-व्यवस्था के संभावित उल्लंघन के आधार पर किसी भी विववादित फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का अधिकार देता है।
अधिवक्ता हरिश साल्वे ने किया सुनवाई का विरोध
फिल्म के निर्माता वायकॉम18 की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे ने ऐसे मामले में अंतरिम अर्जी पर त्वरित सुनवाई का विरोध किया। हालांकि न्यायालय ने मामले की सुनवायी कल करने को मंजूरी दे दी है।
न्यायालय ने अपने 18 जनवरी के आदेश के जरिए पूरे देश में 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने का रास्ता साफ कर दिया था। अपने आदेश में उसने गुजरात और राजस्थान में फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक को स्थगित कर दिया था।
इस संबंध में हालांकि हरियाणा और मध्यप्रदेश ने कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की है, लेकिन उन्होंने कहा है कि राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा।
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