मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का अभिनव प्रयोग, अब सुपर स्पेशलिस्ट कहलाएंगे होम्योपैथी डॉक्टर

जबलपुर। मेडिकल छात्रों और आयुष डॉक्टरों के पीएचडी कोर्स के बाद मेडिकल विश्वविद्यालय अभिनव प्रयोग करने जा रहा है। इसमें प्रत्येक 6-6 माह के कोर्स में डायबिटीज, कार्डियोलॉजी, न्यूरो से संबंधित रोगों को इसी विद्या से डायग्नोस कर इन्हीं में सुपर स्पेशलाइजेशन के लिए तैयार किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में होम्योपैथी विद्या में सुपरस्पेशलिस्ट को तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने अपना खाका बना तैयार कर लिया है। एक अक्टूबर से विवि के अंतर्गत राजधानी भोपाल के शासकीय होम्योपैथी कॉलेज से एक साथ 20 कोर्स पर प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश में यह पहली बार होने जा रहा है, जब होम्योपैथी के चिकित्सक भी अपनी ही विद्या में सुपरस्पेशलिस्ट कहलाएंगे। यह तमगा उन्हें मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी देगी। इस संबंध में एमयू के वीसी डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि हौम्योपैथी के लिए इस प्रकार का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और जल्द ही इसे प्रदेश भर में लागू किया जाएगा।
सुपर स्पेशलाइजेशन इन कोर्स पर होगा
प्रस्ताव के मुताबिक 6-6 माह के कोर्स में डायबिटीज, कार्डियोलॉजी, न्यूरो से संबंधित रोगों को इसी विद्या से डायग्नोस कर इन्हीं में सुपर स्पेशलाइजेशन के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए कोर्स के अलग-अलग सेलेबस बना लिए गए हैं।
मेरिट के आधार पर मिलेगा प्रवेश
विवि प्रशासन ने सुपर स्पेशलिटी कोर्स में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कॉलेज को बीएचएमएस में मेरिट के आधार पर एडमिशन देने की प्रक्रिया अपनाई है। इसके साथ ही शुरूआत में एक फैकल्टी 3 छात्रों को ही तैयार करेगा।
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