हनी ट्रैप की नए सिरे से जांच, नई एसआईटी ने शुरू किया काम, वीडियो व गेजेट्स की होगी फोरेंसिक जांच
हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़े हनी ट्रैप कांड की जांच बुधवार को नए सिरे से शुरू हुई है। क्योंकि एक दिन पहले ही, यानी मंगलवार को इस मामले में सरकार ने तीन सदस्यीय नई एसआईटी गठित कर दी थी।

भोपाल। हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़े हनी ट्रैप कांड की जांच बुधवार को नए सिरे से शुरू हुई है। क्योंकि एक दिन पहले ही, यानी मंगलवार को इस मामले में सरकार ने तीन सदस्यीय नई एसआईटी गठित कर दी थी। इसे विशेषाधिकार है कि इसके प्रमुख राजेंद्र कुमार, जो साइबर पुलिस के विशेष महानिदेशक भी बने हैं, जरूरत के मुताबिक इसमें अन्य पुलिस अधिकारियों की सेवाएं ले सकेंगे। इस संबंध में डीजीपी वीके सिंह को इनका सहयोग करना है, ऐसा एसआईटी के नए सिरे से गठन संबंधी आदेश में उल्लेख किया गया है।
इस केस के पूरे छह आरोपी अभी जेल में है। जिसमें चार महिलाएं, एक छात्रा व एक ड्राइवर है। इनको रिमांड पर लेने के लिए एसआईटी को कोर्ट में दिक्कत यूं आएगी कि पूछताछ के नाम पर पहले रिमांड लिए जा चुके हैं। अब दूसरी संभावना है कि इस केस से संबंधित एक मानव तस्करी का केस अलग से दर्ज हुआ है। जिसमें पूछताछ के लिए रिमांड लिया जा सकता है। यह केस आरोपी छात्रा मोनिका यादव के पिता ने दर्ज कराया है, जो पहले इंदौर के पलासिया में, फिर सीआईडी में दर्ज हुआ। खास बात है कि नई एसआईटी में पुराने ऑफीसर्स में से केवल एसएसपी इंदौर रुचि वर्धन मिश्रा ही शामिल हैं। बाकी तो एसआईटी प्रमुख कुमार समेत साइबर के एडीजी मिलिंद कानस्कर हैं। ये अधिकारी भी इन सभी आरोपियों से पूछताछ करेंगे। सूत्र बताते हैं कि इसीलिए इन आरोपियों को रिमांड पर मांगा जाएगा।
छतरपुर नहीं ले जाई जा सकी आरती :
सूत्र बताते हैं कि इस केस की आरोपी आरती दयाल, जो छतरपुर की रहने वाली है, उसे पूर्व की एसआईटी उसके गृहनगर नहीं ले सकी। क्योंकि रिमांड अवधि में यह ज्यादातर समय बीमार ही बनी रही। हालांकि इंदौर के अस्पताल में एसआईटी ने इस आरोपी महिला की जो भी मेडिकल जांच कराईं, वे सामान्य ही आईं, लेकिन इसकी बीमारी के चक्कर में इसे न भोपाल लाया गया, न छतरपुर ले जाया गया। जबकि आरती छतरपुर निवास पर पुलिस की निगरानी है। संभव है छतरपुर ले जाने के नाम पर आरती को रिमांड पर मांगा जाए।
वीडियो व गेजेट्स की फोरेंसिक जांच :
हनी ट्रैप केस में जो भी वीडियो क्लिप, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स मिले हैं, उनकी फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इन वीडियोज में हाई प्रोफाइल लोग आपत्तिजनक हालत में दिखाई दिए हैं। हालांकि अभी किसी का नाम उजागर नहीं है, लेकिन पूर्व मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर आईएएस व आईपीएस तक इसमें नजर आए हैं। एसआईटी के पूर्व चीफ संजीव शमी ने भी पूर्व में जांच शुरू करते वक्त ही कह दिया था कि सीनियर ऑफीसर्स अगर कंप्रोमाइज की भूमिका में हैं तो यह बहुत गंभीर हो जाता है। इसलिए जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ चार्जशीट सीधी अदालत में पेश की जाएगी।
इस केस में यह भी हो रहा काम :
- जो मोबाइल नंबर व फोन नंबर मिले हैं, उन कॉल्स की भी जांच जारी है।
- जो भी सामान अब तक जब्त किया गया है, नई एसआईटी अपने कब्जे में ले रही है।
- इस केस में अब तक आए तथ्यों के आधार पर छत्तीसगढ़ से भी गिरफ्तारियां होनी हैं।
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