हनी ट्रैप रैकेट : व्यापमं घोटाले से जुड़े नेता से उगलवाया राज, कांग्रेस ने वीडियो नहीं खरीदा तो उसी नेता से वसूले लाखों रुपए
हनी यानी शहद के लालच में मक्खी बनकर बिस्तर पर फंस जाते थे अफसर, नेता-मंत्री, विधायक। रिवेरा टाउन में वीआईपी लोग रहते हैं, लेकिन उनके पड़ोस में ही दूसरी वीआईपी मनाते रहे वर्षों तक रंगरेलियां।

भोपाल। हनी ट्रैप मामले में व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले से जुड़ा एक बड़ा नेता भी लाखों रुपए से ब्लैक मेल हो चुका है। खास बात ये है कि इस क्लिप में नेता ने उस वक्त के कुछ और मंत्रियों के नाम शराब और कामुकता के नशे के बीच लिए हैं। इस वीडियो को बनाने वाली गिरफ्तार महिला ने पहले इस वीडियो को पहले कांग्रेस को बेचना चाहा। जब एक घंटे से ज्यादा टाइमिंग की यह क्लिप नहीं बिकी तो इस महिला ने फिर नेता को ही ब्लैक मेल करके लाखों रुपए वसूल लिए। खास बात ये है कि नेता का वीडियो पॉश कॉलोनी में ही बनाया गया। यहां से जब हनी ट्रेप केस की ब्लैक मेलर महिला की गिरफ्तारी हुई तो कॉलोनी के लोग हक्के-बक्के रह गए। उनमें यहां सैक्स रैकेट चलने को लेकर खासी नाराजी है।
वीआईपी टाउनशिप में सैक्स का अड्डा
राजधानी की पॉश कॉलोनी, वीआईपी टाउनशिप रिवेरा में प्रदेश के विधायक, सांसद, मंत्री और पूर्व मंत्रियों के आवास हैं। सरकार द्वारा विशेष सुरक्षा प्राप्त एमपी, एमएलए के बीच जिस्म परोसकर ठगी करने वालों ने अपना ठिकाना बना लिया। यह इलाका वीवीआईपी होने से पुलिस भी यहां ज्यादा ध्यान नहीं देती। इसमें रहने वालों का कहना है कि ब्रोकर अपने कमीशन के चक्कर में बिना पूरी जानकारी के वीआईपी सुरक्षित कॉलोनी में असमाजिक तत्वों को किराये पर मकान दिलवा देते हैं। इस संबंध में सोसाइटी के पदाधिकारी डॉ अजय मेहता ने मीडिया से कहा कि कौन से लोग किराये से रह रहे हैं। किरायेदारों की पूरी जानकारी का सर्वे कराया जा रहा है।
यह भी जानिए हनी ट्रैप में
एनजीओ और इवेंट कंपनियों समेत मीडिया लाइजिनिंग से जुड़ी हैं ये गिरफ्तार महिलाएं श्वेता (दो), बरखा, आरती और सीमा।
इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार युवतियों से लैपटॉप, पेन ड्राइव और मोबाइल बरामद किया है।
ब्रोकर के माध्यम से किराए पर बंगला
हनी ट्रैप और ब्लैकमेल मामले में हिरासत में ली गई महिला ने रिवेरा टाउनशिप में पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह का मकान ब्रोकर के माध्यम से इसी माह से 35 हजार रुपये में किराये पर लिया था।
महिला को घर किराये पर दिलावाने वाले ब्रोकर सुरेश रावत ने मीडिया को बताया कि महिला बीते चार.पांच सालों से ही इसी कॉलोनी में रह रही थी।
महिला ने बताया था कि वो फिजियोथेरेपिस्ट का काम करती है जबकि उसके पति एनजीओ चलाते हैं। उसका पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया था।
क्या कहते हैं बंगला मालिक मंत्री
इस मामले में पूर्व मंत्री सिंह ने मीडिया को बताया कि मेरे घर में मैं और मेरा बेटा रहता था। बेटे के बाहर शिफ्ट होने के बाद मैं भी एमएलए गेस्ट हाउस में शिफ्ट हो गया था।
पूर्व मंत्री ने कहा ऐसे में मैंने ब्रोकर सुरेश रावत को यह घर किराये पर देने के लिए बोला था। उसने इसकी जांच पड़ताल करने के बाद ही उसे यह घर दिया था। मैं महिला के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता।
इसलिए शामिल की एटीएस
हनी ट्रेप इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने बुधवार की रात 8.10 बजे हरिभूमि भोपाल से चर्चा में स्पष्ट किया कि इस केस में पांच महिलाओं व एक कार ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। जब एसएसपी से सवाल किया गया कि क्या पुलिस केस को हेंडल नहीं कर सकती थी, जो एटीएस ;एंटी टेररस्टि स्क्वॉडद्ध को शामिल किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि इंदौर से पुलिस टीम भोपाल जब तक पहुंचती, तब तक ये लोग फरार हो सकते थे। इसलिए भोपाल पुलिस व एटीएस को इस केस में शामिल किया गया। हरिभूमि ने सवाल किया कि इस मामले में कोई बड़ा आदमी, नेता.मंत्री या अफसर पकड़ा गया क्या, नाम खुला क्या, इतनी पूछताछ हो चुकी। उजागर करने लायक कुछ हो तो बताएं एसएसपी ने कहा कि इनका पुलिस रिमांड शाम छह बजे मिल पाया, अब पूछताछ जारी है। ज्यादा कुछ और बताने को नहीं है अभी।
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