मध्य प्रदेश समाचार : भोपाल में 423 सरकारी स्कूल बंद
एक शाला एक परिसर योजना के अंतर्गत प्रदेश में 16 हजार और राजधानी में 423 सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक उन स्कूलों को बंद किया है जहां बच्चों की संख्या कम थी। सूत्रों के अनुसार नियमों की अनदेखी कर अधिकारियों ने उन स्कूलों को भी इस योजना के अंतर्गत लेकर स्कूल के डाइस नंबर बंद कर दिया है, जो स्कूल परिसर से अलग स्थापित थे।

X
टीम डिजिटल/ हरिभूमि, भोपालCreated On: 29 Jan 2019 12:49 PM GMT
भोपाल। एक शाला एक परिसर योजना के अंतर्गत प्रदेश में 16 हजार और राजधानी में 423 सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक उन स्कूलों को बंद किया है जहां बच्चों की संख्या कम थी। सूत्रों के अनुसार नियमों की अनदेखी कर अधिकारियों ने उन स्कूलों को भी इस योजना के अंतर्गत लेकर स्कूल के डाइस नंबर बंद कर दिया है, जो स्कूल परिसर से अलग स्थापित थे।
योजना के बंद हुए स्कूलों को संचालन की जिम्मेदारी आसपास के हाईस्कूल या हायर सेकंडरी के प्राचार्यों को दी गई है, लेकिन वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के हेडमास्टर का पद खतरे में पड़ता हुआ नजर आ रहा है। जिसका कारण है उन स्कूलों में हेडमास्टर का शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाना।
अधिकारियों का कहना है कि दो किमी दूर तक के स्कूलों को करीब के बड़े स्कूलों में शिफ्ट करने का आदेश था। स्कूल अधिक दूर होने के कारण बच्चों की उपस्थिति कम हो रही थी। वहीं कुछ बच्चों ने तो स्कूल से नाम भी कटवा लिया था। अधिकारियों का कहना है कि स्कूल का केवल डाइस कोट खत्म किया गया है स्कूल बंद नहीं हुए हैं।
जानकारी के अनुसार राजधानी में 753 स्कूल संचालित हो रहे थे, जिनको योजना के अंतर्गत मर्ज किया जाना था। सूत्रों की माने तो 423 स्कूलों को 330 एंकर शालाओं में परिवर्तित कर दिया गया है। जहां अब पहली से बारहवीं तक का स्कूल लगाया जा रहा है। स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्यों को दी गई है। वहीं कुछ स्कूलों के हेडमास्टरों का स्थानांतरण किया गया है और कुछ हेडमास्टर को शिक्षक बनाकर स्कूल में पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
यह है योजना
लोक शिक्षण संचालनालय से मिली जानकारी के मुताबिक एक शाला एक परिसर की अवधारणा को लागू करने के लिए प्रदेश में 45,384 शालाओं को 20,656 परिसर में परिवर्तित किया गया हैं। इसमें चालीस से कम नामांकन वाली प्राथमिक शालाएं 40,102 और मिडिल स्कूल 6,221 है। योजना में हायर सेकेंडरी के 1941 स्कूल, 2972 हाई स्कूल, 20,235 मिडिल स्कूल एवं 20,233 प्राथमिक शालाएं शामिल की गई हैं।
किसी स्कूल को बंद नहीं किया गया है। बल्कि एक शाला परिसर में लगने वाले अलग-अलग स्कूलों को एक परिसर में परिवर्तित कर दिया गया है। अब स्कूल में सिर्फ एक हेडमास्टर और एक प्रिंसिपल होगा। (डीएस कुशवाहा, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय)
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story