मध्य प्रदेश समाचार : 108 एंबुलेंस की हालत खराब, 17 में से 10 में नहीं है ऑक्सीजन सिलेंडर
राजधानी में गंभीर रूप से घायल मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस की सेहत खराब है। शहर में 24 घंटे सेवा देने वाली 17 में 10 एंबुलेंस में घायल मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के लिए जिन उपकरणों का होना जरूरी है वे सब गायब हैं। ये खुलासा उस रिपोर्ट का है जिसे प्रदेश में 108 एंबुलेंस का संचालन कर रही जिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के ही अधिकारियों ने बनाई है।

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राजधानी में गंभीर रूप से घायल मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस की सेहत खराब है। शहर में 24 घंटे सेवा देने वाली 17 में 10 एंबुलेंस में घायल मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के लिए जिन उपकरणों का होना जरूरी है वे सब गायब हैं। ये खुलासा उस रिपोर्ट का है जिसे प्रदेश में 108 एंबुलेंस का संचालन कर रही जिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के ही अधिकारियों ने बनाई है। प्रोटोकॉल के अनुसार हर एम्बुलेंस में 2 ऑक्सीजन सिलेंडर होना जरूरी है, लेकिन 17 में से 10 एंबुलेंस में सिर्फ एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर है। 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष राम परमार का कहना है कि उपकरणों के न होने से हम मरीजों को गोल्डर आॅवर के दौरान जरूरी ट्रीटमेंट नहीं दे पाते हैं। इसके बारे में अधिकारियों को कई बार बताया जा चुका गया है। वहीं कंपनी के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया है।
- - ग्लूकोमीटर: इसका काम शरीर का ग्लूकोस चैक करना होता है। बेहोशी की हालत में डॉक्टर सबसे पहले ग्लूकोस लेवल ही चैक करता है। यह सबसे जरूरी उपकरणों में से एक है।
- - थमार्मीटर: शरीर का तापमान बढ़ा हुआ होने पर इसे तुरंत चैक करना होता है, ताकि तापमान के अनुसार पेशेंट को इलाज दिया जा सके। यह भी जरूरी उपकरण है।
- - बीपी अपार्ट्स: ब्लड प्रेशर चैक करने के लिए इसका उपयोग होता है। 10 एंबुलेंस में नहीं है।
- - पल्स ऑक्सीमीटर : इसका काम पल्स रेट चैक करना और शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बताना है। यह भी सबसे जरूरी उपकरणों में से एक है।
- - व्हीलचेयर: मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में ऊपर के तल पर मरीज को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस के व्हीलचेयर का ही उपयोग होता है। किसी भी एंबुलेंस में नहीं है।
प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रही हैं सभी एंबुलेंस गंभीर रूप से घायल या हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज से पीड़ित पेशेंट के लिए पहला एक घंटा सबसे ज्यादा जरूरी होता है। मेडिकल के नेशनल प्रोटोकॉल के अनुसार इस एक घंटे में पेशेंट की सभी जांच हो जाना चाहिए और उसे प्राथमिक चिकित्सा मिल जाना चाहिए। जानकारों के अनुसार पेशेंट के सभी इन्वेस्टिगेशन एंबुलेंस में ही हो जाना चाहिए और पेशेंट को डॉक्टर के हवाले करते समय यह रिपोर्ट एंबुलेंस प्रभारी द्वारा डॉक्टर को सौंपी जानी चाहिए।
कई बार कंपनी के अधिकारियों से एंबुलेंस में होने वाले जरूरी उपकरण की मांग की गई, लेकिन अधिकारियों हर बार आश्वासन देकर टाल देते है। घायल मरीजों को तुरंत उपचार मिल सकें, इसके एंबुलेंस में जरूरी उपकरण होना चाहिए।
-राम परमार मप्र 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष
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