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मध्य प्रदेश / सीएम को विदिशा जाने से रोकने के मामले में CEO ने कहा मुझे कोई लिखित आवेदन नहीं मिला

विदिशा भाजपा कार्यकर्ता रघुवीर दांगी के अंतिम संस्कार में जाने के लिए क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रोका गया, रोका गया तो किसने रोका यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) वीएल कांताराव ने कहा कि उन्हें इस संबंध में किसी भी तरह का लिखित आवेदन नहीं मिला था।

मध्य प्रदेश / सीएम को विदिशा जाने से रोकने के मामले में CEO ने कहा मुझे कोई लिखित आवेदन नहीं मिला
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विदिशा भाजपा कार्यकर्ता रघुवीर दांगी के अंतिम संस्कार में जाने के लिए क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रोका गया, रोका गया तो किसने रोका यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग (Elction Commission) के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (MP CEO) वीएल कांताराव ने कहा कि उन्हें इस संबंध में किसी भी तरह का लिखित आवेदन नहीं मिला था।
27 नवंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। आपको बता दें कि 5 दिसंबर को सीएम शिवराज ने प्रेस कान्फ्रेंस बुलाकर यह कहा था कि कांग्रेस की तुलना में चुनाव आयोग ने भाजपा पर कुछ ज्यादा ही सख्ती की है।
उन्होंने कहा कि प्रचार थमने के दूसरे दिन 27 नवंबर को मुझे अंतिम संस्कार में विदिशा जाना था लेकिन आयोग ने अमानवीयता दिखाते हुए मंजूरी नहीं दी है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी सफाई दी है।

आयोग ने कहा, नियमों के हिसाब से किया काम

आयोग ने कहा कि सीएम को अंत्येष्टि में जाने से नहीं रोका गया है। चुनाव आयोग बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष काम करने वाली संस्था है। नियम है कि ऑफिशियल ड्यूटी पर जाने पर भी तुरंत वापस आना पड़ता है। वह कोई पब्लिक मीटिंग नहीं कर सकते।
सिर्फ प्रधानमंत्री ऑफिशियल ड्यूटी के साथ सभा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अगर वहां जाते तो उन्हें तुरंत भोपाल लौटना होता। मुख्यमंत्री के अमानवीय व्यवहार पर चुनाव आयोग का कहना है कि आयोग कि पूरे विश्व में निष्पक्ष और पारदर्शी होने की छवि है। आयोग अमानवीय नहीं है। वह नियमों के आधार पर काम करता है।

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