कौन हैं कमलनाथ, जो बन सकते हैं एमपी के अगले सीएम, जानिए उनके बारे में खास बातें
वरिष्ठ नेता कमलनाथ को हाल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया था। छिंदवाड़ा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ एक कद्दावार नेता हैं। कमलनाथ सबसे सीनियर नेता हैं जो कांग्रेस के साथ 2018 के चुनाव लड़े हैं।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मंगलवार को आए नतीजों में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश में सभी 230 सीटों पर मतगणना हुई जिसमे कांग्रेस को करीब 116 और भाजपा को 105 सीट मिलती दिखाई दे रही है।
विधानसभा चुनाव के में एग्जिट पोल के समय कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना के बाद सीएम पद का उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं चल रही थी। एमपी में मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ का नाम मुख्यरूप से उभर कर आ रहा था। वहीँ दूसरा नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी है। पर कमलनाथ के नाम पर मोहर लगना काफी हद तक संभव माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती हैं तो छिंदवाडा के कद्दावर नेता कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावना हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कमलनाथ के बारे में कुछ बेहद खास बातें-
वरिष्ठ नेता कमलनाथ को हाल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया है। छिंदवाड़ा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ एक कद्दावार नेता हैं। कमलनाथ सबसे सीनियर नेता हैं जो कांग्रेस के साथ 2018 के चुनाव लड़ रहे हैं।
कमलनाथ का जन्म 18 नवम्बर 1946 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ है। उन्होंने देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई-लिखाई की है। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए कमलनाथ ने कोलकाता के सेंट ज़ेवियर कॉलेज चले गए।
फिर उनका रूझना राजनीति की ओर हो गया। जिसके बाद वह लगातार राजनीति में सक्रिय रहे और 34 साल की उम्र में वो छिंदवाड़ा से जीत कर पहली बार लोकसभा सदस्य बने। इतना ही नहीं वह अपना दिल्ली का कार्यालय 24 घंटे कार्यकर्ताओं के लिए खुला रखते हैं।
नौ बार सांसद रह चुके कमलनाथ एक कुशल नेता रहे हैं जिन्होंने बहुत सी सफलता हासिल की। जिसके बाद उनको मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया।
कमलनाथ मध्यप्रदेश से भले राजनीतिक करते हैं लेकिन वह पश्चिम बंगाल के हैं। गांधी परिवार से कमलनाथ की पुरानी दोस्ती रही है। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती राजनीतिक गलियारों में बहुत चर्चा में रही है। दोनों की दोस्ती दून स्कूल से शुरू हुई थी। इस दोस्ती के कारण वह गांधी परिवार के बेहद करीब रहे। कमलनाथ की छवि काफी साफ-सुथरे नेता की है।
कमलनाथ से बहुत से विवाद भी जुड़े हुए हैं। हवाला कांड में कमलनाथ का नाम शामिल है। हवाला कांड में नाम आने के कारण कमलनाथ 1996 में आम चुनाव नहीं लड़ थे। एक साल बाद वो इस कांड में बरी हुए थे तो पत्नी के छिंदवाड़ा से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने फिर से वहां से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इतना ही नहीं उनका नाम साल 1984 के पंजाबी दंगों में आया था पर आरोप साबित नहीं हुए।
1980 से छिंदवाड़ा की जनता कमलनाथ पर पूरा भरोसा करती है, इसके कारण ही वह 7 बार लोकसभा सदस्य रहे हैं। मूल रूप से छिंदवाड़ा एक आदिवासी क्षेत्र माना जाता है जिसके लिए कमलनाथ ने यहां आदिवासियों को रोजगार और जिंदगी दी है। छिंदवाड़ा का विकास उनके लिए जनता में के दिलों में जगह बनाए रखता है। इसके अलावा वह कांग्रेस के कार्यकाल में उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, वन और पर्यावरण मंत्रालय, सड़क और परिवहन मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
कमलनाथ 23 कंपनियों के मालिक हैं, जो उनके दोनों बेटे चलाते हैं। वो चुनाव अभियानों के लिए हेलीकॉप्टरों और सैटेलाइट फोन इस्तेमाल करने वाले शुरूआती नेताओं में से एक रहे हैं। इतना ही नहीं कमलनाथ इस बार एमपी से मुंख्यमंत्री बन सकते हैं।
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