अस्पतालों में OPD का समय बदलने पर डॉक्टर और प्रदेश सरकार आमने सामने, विशेषज्ञों की सीधी भर्ती पर भी जताई आपत्ति Watch Video
मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी का समय बदलने को लेकर प्रदेश सरकार और डॉक्टर आमने-सामने आ गए हैं। मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफीसर्स एसोसिएशन सरकार के इस फैसले के पक्ष में नहीं है उनका कहना यह अव्यवहारिक निर्णय है।

भोपाल मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी का समय बदलने को लेकर प्रदेश सरकार और डॉक्टर आमने-सामने आ गए हैं। मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफीसर्स एसोसिएशन सरकार के इस फैसले के पक्ष में नहीं है उनका कहना यह अव्यवहारिक निर्णय है। ऐसोसिएशन ने सरकार से एक बार फिर अपने फैसले पर पुन: विचार करने की मांग की है।
एसोसिएशन का कहना है 10 साल पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय भी ओपीडी का समय बदला गया था। तब मरीजों को दिक्कत होने लगी थी, इसलिए फैसले को दो महीने बाद वापस ले लिया गया था। इस बार भी बदलने की चर्चा है, जो मरीज व उनके परिजनों के हित में नहीं होगा।
बता दें कि कमलनाथ सरकार ने हाल ही में दो दिन पहले मरीजों को आए दिन हो रही परेशानियों को देखते हुए और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकारी अस्पतालों की ओपीडी का समय बदलकर सुबह 9 से शाम 4 बजे करने का निर्णय लिया है। हालांकि अभी इसे लागू नहीं किया गया है, इसके पहले ही इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। अभी ओपीडी का समय सुबह 8 से दोपहर 1 बजे व शाम 5 से 6 बजे तक है।
मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के संरक्षक डॉ. ललित श्रीवास्तव व अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र गोस्वामी का कहना है कि सुबह 9 बजे से ओपीडी होने से डॉक्टर वार्डों में भर्ती मरीजों को देखने के बाद 10 बजे तक ओपीडी में आएंगे।
तब तक मरीजों को इंतजार करना पड़ेगा। इतना ही नहीं जिन मरीजों की सुबह खाली पेट जांच होनी होगी, उन्हें भी 10 बजे तक डॉक्टरों के आने का इंतजार करना होगा। कुल मिलाकर मरीज व उनके परिजनों को परेशान होना पड़ेगा।
विशेषज्ञों की सीधी भर्ती पर भी आपत्ति
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सीधी भर्ती पर भी मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। मप्र मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र गोस्वामी का कहना है कि विशेषज्ञों की सीधी भर्ती से मेडिकल ऑफिसर्स का करियर खत्म हो जाएगा। प्रदेश में 700 से ज्यादा पीजी मेडिकल ऑफिसर्स हैं, जो सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। अगर सीधी भर्ती होगी तो सालों से काम कर रहे डॉक्टर जूनियर हो जाएंगे।
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