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सेना में आज शामिल हो जाएगी धनुष तोप, मारक क्षमता में होगा जबजदस्त इजाफा, GCF के लिए ऐतिहासिक पल

देश की शान बढ़ाने जा रही स्वदेशी धनुष तोप आज भारतीय सेना को सौंप दी जाएगी। जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में तैयार 6 धनुष तोपों की पहली खेप सेना की ताकत बढ़ाएगी। इसके बाद ऐसी 114 और तोपें बनाई जाएंगी।

सेना में आज शामिल हो जाएगी धनुष तोप, मारक क्षमता में होगा जबजदस्त इजाफा, GCF के लिए ऐतिहासिक पल
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संजय साहू, जबलपुर। देश की शान बढ़ाने जा रही स्वदेशी धनुष तोप आज भारतीय सेना को सौंप दी जाएगी। जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में तैयार 6 धनुष तोपों की पहली खेप सेना की ताकत बढ़ाएगी। इसके बाद ऐसी 114 और तोपें बनाई जाएंगी।

भारतीय सेना को कल मिलेगी 'देसी बोफोर्स', मारक क्षमता में होगा जबरदस्‍त इजाफा

फैक्ट्री में होने वाले हैंडिंग ओवर समारोह में ओएफबी के चेयरमेन सौरभ कुमार की मौजूदगी में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले की जाएगी। जीसीएफ में होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय में सेक्रेटरी (डिफेंस प्रोडक्शन) डॉ अजय कुमार मुख्य अतिथि रहेंगे। ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) चेयरमैन एवं डायरेक्टर जनरल सौरभ कुमार सेना के अधिकारियों को 114 तोप में पहले बैच के रूप में छह तोप की सुपुर्दगी करेंगे।
धनुष स्वीडिश तोप बोफोर्स का स्वदेशी संस्करण है। इसके 95 फीसदी से अधिक कलपुर्जे स्वदेशी हैं। सेना की ओर से हर मौसम के अनुसार किए गए परीक्षण में यह तोप खरी उतरी है। इसका आयुध निर्माणी कानपुर और फील्ड गन फैक्टरी में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो गया है। इस संबंध में भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय ने 19 फरवरी को हरी झंडी दी थी। 2022-23 तक 114 धनुष तोप सेना को सौंप दी जाएंगी। आयुध निर्माणी बोर्ड के उपनिदेशक व जनसंपर्क अधिकारी गगन चतुर्वेदी ने बताया कि सोमवार को होने वाले कार्यक्रम में सेना को पहली खेप के तौर पर छह धनुष तोप दी जाएंगी।
साल 2000 में आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी) ने बोफोर्स की बैरल अपग्रेड करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को दिया था। फैक्टरी ने देश में पहली बार सात मीटर लंबी बैरल बनाई, जिसे 2004 में सेना ने मंजूरी दी। बैरल पास होते ही तोप बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके बाद 2011 में बोफोर्स तोप की टेक्नोलॉजी और भारत में इसे बनाने की मंजूरी देने के लिए स्वीडन की कंपनी ने 63 महीने का वक्त मांगा। इस बीच ओएफसी ने भी तोप बनाने का प्रस्ताव सेना को दिया। सेना ने 18 महीने का वक्त दिया था। ओएफसी, फील्ड गन और डीआरडीओ ने रिकॉर्ड समय में बेहतर नई तोप बनाकर सेना को सौंप दी।
114 तोप का नया ऑर्डर
जीसीएफ को नए वित्तीय वर्ष के लिए 114 गनों का बल्क प्रोडक्शन आर्डर हाल ही में हासिल हुआ है। इसके बाद से उत्पादन की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है। 38 किमी. दूरी तक निशाना साधने वाली इस एकमात्र गन की तैनाती पाकिस्तान और चायना से लगी सरहद पर की जाएगी।
धनुष एक नजर में
- बैरल का वजन 2692 किलो
- बैरल की लंबाई आठ मीटर
- रेंज 42-45 किलोमीटर
- दो फायर प्रति मिनट में
- लगातार दो घंटे तक फायर करने में सक्षम
- फिट होने वाले गोले का वजन 46.5 किलो

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