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4 साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, 2 मार्च को दी जानी थी फांसी

सतना जिले में 4 साल की मासूस से रेप के आरोपी शिक्षक की फांसी पर लटकाने के जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा है। 2 मार्च को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जेल में दी जानी थी फांसी।

4 साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, 2 मार्च को दी जानी थी फांसी
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जबलपुर। सतना जिले में 4 साल की मासूस से रेप के आरोपी शिक्षक की फांसी पर लटकाने के जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा है। 2 मार्च को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जेल में दी जानी थी फांसी।
बता दें आरोपी टीचर महेंद्र सिंह गौड़ को सतना जिला अदालत ने 19 सितंबर 2018 को फांसी की फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को एमपी हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। जिसके बाद 4 फरवरी को अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने दुष्कर्मी का डेथ वारंट जारी करते हुए 2 मार्च को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जेल में फांसी देने का आदेश दिया था। लेकिन अब सुर्पीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि, उचेहरा थाना क्षेत्र के परसमनिया में पिछले साल 1 जुलाई 2018 की रात 4 साल की मासूम को अगवा कर दुष्ककर्म करने के आरोप में महेन्द्र सिंह गौड़ को गिरफ्तार किया गया था।
मासूम की हालत नाजुक होने पर घटना के दूसरे दिन ही तत्कालीन कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर पीड़िता को एयरलिफ्ट से नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया था।

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